जन्माष्टमी पर जानिए! भगवान श्रीकृष्‍ण के अवतार की 8 चमत्कारी और अनोखी बातें

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जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, उस रात को कई बच्चों का जन्म हुआ था। कंस को जब यह पता चला कि देवकी ने आठवीं संतान को जन्म दिया है और वह बालक नहीं कन्या है तो उसे हैरानी हुई। फिर भी मृत्यु भय से भयभीत कंस उस कन्या को भी मारना चाहा और उसने एक बड़ी चट्टान पर कन्या को पटक दिया लेकिन कन्या चट्टान पर गिरने की बजाय आकाश में चली गई और अष्टभुजाओं वाली देवी के रूप में प्रकट हो गई। देवी ने कहा कि तुम्हें मारने वाला तो कोई और है और वह जन्म ले चुका है। कंस देवी के इस बात से और डर गया। कंस ने अपने मायावी राक्षसों को भेजकर श्रीकृष्ण के साथ उस रात जन्मे सभी बच्चों को मरवा दिया लेकिन श्रीकृष्ण ने कंस के मृ्त्यु दूतों को ही यमलोक पहुंचा दिया।

श्रीकृष्ण के पोते ने बनवाया था मंदिर

श्रीकृष्ण के देहत्याग के बाद समुद्र में जब द्वारिका समा गई तब पांडवों ने श्रीकृष्ण के पोते वज्रनाभजी को मथुरा का राजा बनाया। राज वज्रनाभजी ने यहां पर श्रीकृष्ण की स्मृति में कई मंदिरों का निर्माण करवाया।

जन्मभूमि मंदिर में मौजूद है चबूतरा

मथुरा के कृष्‍ण जन्मभूमि मंदिर में एक चबूतरा है। कहते हैं जिस स्थान पर यह चबूतरा है, वहीं पर भगवान श्रीकृष्ण का अवतार हुआ था। द्वापर युग में यहीं पर कंस का कारागृह था जिसमें देवकी और वसुदेवजी के कंस ने बंदी बनाकर रखा था।

-एजेंसी


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