राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार NSA अजीत डोभाल की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में CISF के 3 कमांडो को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अलावा DIG और कमांडेंट रैंक के दो अफसरों का ट्रांसफर कर दिया गया है। गृह मंत्रालय के अफसरों ने इसकी जानकारी दी है।
मामला फरवरी 2022 का है, जब एक संदिग्ध शख्स कार लेकर डोभाल के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में घुसने की कोशिश कर रहा था। हालांकि मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। पकड़े जाने के बाद उसने कहा कि उसकी बॉडी में चिप लगी है और रिमोट से चलाया जा रहा है। जांच में उसकी बॉडी में कोई चिप नहीं मिली।
16 फरवरी सुबह की घटना
आरोपी 16 फरवरी को सुबह करीब 7 बजकर 45 मिनट पर कार रेड कलर की SUV लेकर पहुंचा था। उसने पूछताछ में बताया कि वह कर्नाटक का रहने वाला है और किराए की कार चला रहा था। उसकी पहचान बेंगलुरु के शांतनु रेड्डी के तौर पर हुई थी। पुलिस के मुताबिक उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं लग रही थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने उससे पूछताछ की थी
सबसे सुरक्षित इलाके में सुरक्षा चूक
अजित डोभाल दिल्ली के सबसे सुरक्षित इलाके लुटियंस जोन के 5 जनपथ बंगले में रहते हैं। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल यहीं रहते थे। डोभाल के बंगले के पास ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बंगला भी है। डोभाल को Z+ कैटेगरी की सुरक्षा मिली है। उनकी सुरक्षा CISF के कमांडो करते हैं।
डोभाल ने की थी सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग
2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार के कहने पर डोभाल ने ही पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक प्लान की थी। जिसके बाद 26 फरवरी 2019 को इंडियन एयरफोर्स के फाइटर प्लेन्स ने LoC क्रॉस कर बालाकोट में आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था।
डोभाल के बारे में यह भी मशहूर है कि वे करीब 7 साल तक पाकिस्तान में जासूस बनकर रहे थे। इसके अलावा ऑपरेशन ब्लू स्टार और ब्लू थंडर में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
-एजेंसी
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