ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के मसले पर दुनिया के दो सबसे बड़े उत्सर्जक देश अमेरिका और चीन के बीच ट्विटर वार शुरू हो गया है। दोनों ही देश जलवायु नीति को लेकर एक दूसरे पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। चीन ने पूछा है कि क्या अमेरिका इस हफ्ते राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा हस्ताक्षरित ऐतिहासिक क्लाइमेट कानून को लागू कर सकता है। दरअसल बीते शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा विधेयक पारित करने के बाद अमेरिका ने चीन पर निशाना साधा था।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स ने रविवार को ट्विटर पर कहा था कि अमेरिका अपने सबसे बड़े निवेश के साथ जलवायु परिवर्तन पर काम कर रहा है… चीन को भी इसी तरह कदम उठाना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार रात को पलटवार करते हुए कहा- सुनकर अच्छा लगा, लेकिन क्या अमेरिका इस कानून को लागू कर सकता है..?
मालूम हो कि दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन चिंता का सबब बना हुआ है। जानकारी बढ़ते तापमान को इसकी वजह बताते हैं। गौर करने वाली बात यह भी कि ग्लोबल वार्मिंग को काबू करने के लिए अमेरिका चीन के सहयोग को व्यापक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन मौजूदा वक्त में ताइवान एवं अन्य मुद्दों को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है जिसने कुछ सवालों को जन्म दिया है। बड़ा सवाल यह कि क्या दोनों देश इस गंभीर समस्या पर सहयोग कर सकते हैं।
चीन के प्रतिरोध के बावजूद अमेरिकी हाउस की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की थी। पेलोसी के इस दौरे से चिढ़े चीन ने इस महीने की शुरुआत में अमेरिका के साथ जलवायु परिवर्तन समेत कई अन्य मुद्दों पर बातचीत को स्थगित करने का एलान किया था। सनद रहे चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने पिछले हफ्ते अमेरिका से जलवायु परिवर्तन पर अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारियों और उचित दायित्वों को पूरा करने को कहा था।
-एजेंसी