जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने के कारण अब तक कम-से-कम 15 लोगों की मौत हो गई है. वहीं ख़राब मौसम के चलते अमरनाथ यात्रा पर फ़िलहाल अस्थायी रोक लगा दी गई है.
बालटाल और पहलगाम के ज्वाइंट पुलिस कंट्रोल रूम ने यह जानकारी साझा की है.
कंट्रोल रूम का कहना है कि राहत और बचाव कार्य अभी चल रहा है, इसलिए घायल और गायब हुए लोगों की असल संख्या के बारे में फ़िलहाल कुछ कहना मुश्किल है.
हालांकि अधिकारियों ने पहले बताया था कि 30-40 लोगों की तलाश अभी जारी है.
इससे पहले शुक्रवार की शाम क़रीब साढ़े पांच बजे अमरनाथ गुफा के नीचे बादल फटा था.
लोगों को बचाने के लिए मौक़े पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बचाव कार्य से जुड़ी तमाम एजेंसियां जुटी हुई हैं.
वहीं ऑल इंडियो रेडियो ने बताया है कि बादल फटने के बाद आई बाढ़ के कारण पवित्र अमरनाथ गुफा के पास फंसे लोगों को पंजतरणी भेज दिया गया है.
उसके ट्वीट के अनुसार ”लोगों को वहां से निकालने का काम शनिवार सुबह 3.38 बजे तक चला है. अब ट्रैक पर कोई भी यात्री नहीं हैं. अब तक 15 हज़ार लोगों को सुरक्षित स्थानांतरित कर दिया गया है.”
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरनाथ गुफा के नीचे बादल फटने की घटना के कारण हुए जान-माल के नुक़सान पर दुख जताया था.
ट्विटर पर उन्होंने लिखा था, “अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से परेशान हूं. शोकाकुल परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है. मनोज सिन्हा (जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल) से बात करके स्थिति का जायज़ा लिया है. बचाव और राहत कार्य जारी है. प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जा रही है.”
वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, “अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना और उसके कारण हुई लोगों की मौत की ख़बर से दुखी हूं. शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.”
-एजेंसियां
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