बड़ी कामयाबी: हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर तालिब हुसैन गिरफ्तार

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जम्मू-कश्मीर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर तालिब हुसैन को बेंगलुरु से जिंदा गिरफ्तार किया है। वह आतंकियों की A लिस्ट में शामिल था। 17 राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में यह सफलता मिली। हिजबुल मुजाहिदीन ने किश्तवाड़ इलाके में नए सिरे से भर्ती करके अपने कैडर को फिर से संगठित करना और मजबूत करना शुरू कर दिया था।

बेंगलुरु में पहचान छिपाकर रहता था: डीजीपी दिलबाग

DGP दिलबाग सिंह ने बताया कि तालिब किश्तवाड़ में काफी समय से एक्टिव था। ये बेंगलुरु में छिपकर वहां से टेरर एक्टिविटीज संचालित कर रहा था। टीम ने तालिब को वहां पहुंचकर ट्रेस किया। इसके पकड़े जाने से किश्तवाड़ में आतंकी घटनाएं कम होंगी।

हाल ही में हुई टारगेट किलिंग को लेकर DGP सिंह ने कहा कि फिलहाल माहौल शांत है। साल के 5 महीनों के दौरान 47 लोगों को पकड़ा जो सिलेक्टिव किलिंग में शामिल थे। उनकी मदद करने वालों को भी पकड़ा गया।

खुलेआम हथियार लेकर घूमता था

5 बच्चों का पिता तालिब गुर्जर हिजबुल में शामिल होने के बाद अक्सर किश्तवाड़ जिले के मारवाह और दछन के ऊपरी इलाकों में हथियारों के साथ घूमते देखा जाता था। इसके साथ इलाके में सक्रिय कुछ अन्य आतंकवादी भी नजर आते थे। तालिब के परिवार ने कई बार पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया और तालिब को हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटाने के लिए मदद मांगी थी।

2016 से ही निशाने पर था तालिब

किश्तवाड़ जम्मू का एकमात्र जिला है, जहां हिजबुल आतंकवादियों की गतिविधियां आए दिन सुर्खियों में रहती हैं। तालिब हुसैन सबसे ज्यादा वक्त तक जिंदा रहने वाला आतंकी है। वह 2016 से आतंकी गतिविधियों में शामिल था। तालिब गुर्जर एक स्थानीय गुर्जर जनजाति से ताल्लुक रखता है, जो यहां के पहाड़ी रास्तों से परिचित है।

2016 में तालिब गुर्जर रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था। कुछ महीने बाद पता चला कि वह आतंकी गैंग में शामिल हो गया है। तभी से सुरक्षा बल उसके पीछे लगे थे लेकिन हर बार वह चकमा दे देता था। तालिब को सक्रिय आतंकवादी घोषित करने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी थी।

कश्मीर में बैंक मैनेजर के बाद प्रवासी मजदूर को भी मारा था

कश्मीर में टारगेट किलिंग के तहत पिछले गुरुवार को राजस्थान के रहने वाले एक बैंक मैनेजर की हत्या के बाद देर रात आतंकियों ने बडगाम में दो गैर कश्मीरियों पर भी गोलियां बरसाईं थीं। इसमें बिहार के रहने वाले दिलखुश की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। वहीं पंजाब निवासी गोरिया की हालत स्थिर थी।

-एजेंसियां


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