सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई अब कल: वाराणसी ट्रायल कोर्ट की सुनवाई पर भी कल तक की रोक, सर्वे रिर्पोट सौंपी गई

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नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई को शुक्रवार तक के लिए टाल दिया गया है. इसके अलावा वाराणसी ट्रायल कोर्ट की सुनवाई पर भी शुक्रवार तक के लिए रोक लगा दी गई है.

उच्चतम न्यायालय इस मामले में कल दोपहर तीन बजे सुनवाई करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वाराणसी की अदालत आज इस मामले पर कोई आदेश न दे.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 17 मई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के ख़िलाफ़ मस्जिद प्रबंधन की याचिका पर सुनवाई शुरू की थी.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज़ पर रोक नहीं होगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि उस जगह को वाराणसी प्रशासन सुरक्षित रखे, जहाँ शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है.

बनारस कोर्ट में जमा की गई सर्वे की रिपोर्ट

इस बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे की रिपोर्ट बनारस सिविल कोर्ट को सौंप दी गई है.
एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने आज सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी.

विशाल सिंह ने बताया कि परिसर की वीडियोग्राफ़ी डेटा मेमोरी कार्ड के रूप में कोर्ट को सौंप दी गई है.
विशाल सिंह ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट को दोनों पक्षों की मौजूदगी में खोला जा भी सकता है.

अजय कुमार मिश्र की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए विशाल सिंह ने कहा कि अजय कुमार मिश्र ने 6 और 7 मई की रिपोर्ट सौंपी है जबकि उन्होंने 14, 15 और 16 की रिपोर्ट सौंपी है.

विशाल सिंह ने बताया कि ज्ञानवापी के अंदर की रिपोर्ट उन्होंने तैयार की है, जबकि बाहर की रिपोर्ट अजय कुमार मिश्र ने तैयार की है.

इससे पहले बुधवार को बनारस सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से जुड़ी दो अर्ज़ियों पर मुस्लिम पक्ष को आपत्ति दाख़िल करने के लिए एक दिन का वक़्त दिया.
हालांकि मुस्लिम पक्ष ने अदालत से दो दिन के समय की मांग की थी.

पहली अर्ज़ी में महिला याचिकाकर्ताओं की तरफ़ से माँग की गई है कि मस्जिद की पूर्वी दीवार और नंदी के मुख के सामने मौजूद तहख़ाने की दीवार को हटाया जाए. साथ ही वहाँ पाए गए शिवलिंग की लंबाई और चौड़ाई मापी जाए.

इस अर्जी पर आपत्ति दाख़िल करने के लिए मुस्लिम पक्ष को एक दिन का वक़्त दिया गया था. मुस्लिम पक्ष लिखित में आज अपनी आपत्ति दाख़िल कर सकता है.
इसके अलावा सील किए वज़ूख़ाने में मछलियों को ज़िंदा रखने के लिए वज़ू और शौचालय की वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए दी गई राज्य सरकार की अर्ज़ी पर भी मुस्लिम पक्ष के वकीलों को आपत्ति दाख़िल करने ​के लिए आज तक का समय मिला है.

बुधवार को कोर्ट के सामने एक और अर्ज़ी दायर की गई जिसमें महिला याचिकाकर्ताओं ने हटाए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र की ओर से छह और सात मई को किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

महिला याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अजय कुमार मिश्र का सहयोग लिए बिना निरीक्षण की रिपोर्ट पूरी नहीं हो पाएगी, जिससे क़ानूनन त्रुटि पैदा हो सकती है.

-एजेंसियां


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