आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की चल रही परीक्षाओं के दौरान लगातार पेपर लीक होने से हड़कंप मचा हुआ है। आगरा से लेकर लखनऊ तक इस मामले को लेकर खलबली मची हुई है। कुछ दिनों में लगभग 3 पेपरों के लीक हो जाने से उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय काफी नाराज दिखाई दिए। इसको लेकर उन्होंने सर्किट हाउस में विवि प्रशासन पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की और अधिकारियों के समक्ष अपनी नाराजगी भी जाहिर की तो वहीं विवि के अधिकारियों को जमकर लताड़ भी लगाई।
परीक्षा नियंत्रक पर गिरी गाज
लगातार लीक हो रहे पेपर को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय काफी नाराज हैं। बैठक के दौरान उनकी नाराजगी भी साफ झलकी जिसके चलते परीक्षा नियंत्रक पर गाज़ गिरी। उन्होंने परीक्षा नियंत्रक की कार्यशैली पर सवाल उठाए। विवि के कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक का चार्ज अब कुलसचिव को दे दिया है।
अधिकारियों को मीटिंग हॉल के बाहर खड़ा रखा
पेपर लीक मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सर्किट हाउस में बैठक की थी। इस बैठक में एसएसपी सुधीर कुमार सिंह, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक पहुंचे थे। विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों को इस मीटिंग में शामिल नहीं किया गया और उन्हें मीटिंग हॉल के बाहर ही खड़ा कर दिया गया। उच्च शिक्षा मंत्री ने लगातार लीक हो रहे पेपर को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और दोषियों के जल्द गिरफ्तारी के निर्देश एसएसपी आगरा को दिए।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने नाराज होते हुए एसएसपी आगरा को भी पेपर लीक मामले में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इस पर एसएसपी आगरा ने भी अपना पक्ष रखते हुए ने बताया कि मामले में गंभीरता से जांच चल रही है। पुलिस की कई टीमें लगी हुई हैं। जल्दी ही दोषियों पर कार्रवाई होगी।
कुलसचिव संभालेंगे अतिरिक्त प्रभार
बैठक में कुलपति से भी उच्च शिक्षा मंत्री ने कई सवाल जवाब किए। इसका नतीजा बैठक खत्म होने के बाद नजर आया। कुलपति ने सर्किट हाउस से आकर गेस्ट हाउस में मीटिंग की। इसमें उन्होंने कहा कि अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से कुलसचिव संजीव कुमार सिंह को परीक्षा नियंत्रक का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है। आज के बाद संपन्न होने वाली सभी परीक्षाएं कुलसचिव की निगरानी में संपन्न होंगी। तत्काल प्रभाव से सभी नोडल केंद्रों पर विश्वविद्यालय द्वारा एक एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा।
यह होगी अब व्यवस्था
इस मामले में कुलपति ने कहा की नोडल केंद्रों से निकलने वाले प्रश्न पत्रों के सभी पैकेट सीलबंद रूप में परीक्षा केंद्रों पर रवाना किए जाएं और किसी भी परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र 30 मिनट से पहले नहीं पहुंचे। विश्वविद्यालय द्वारा चार वरिष्ठ आचार्यों (प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा, प्रोफेसर प्रदीप श्रीधर, प्रोफेसर बिंदुशेखर शर्मा, प्रोफेसर भूपेंद्र स्वरूप शर्मा) की एक एक टीम बनाई जाएगी, जिसमें उनके साथ एक-एक सहायक कुलसचिव और अन्य शिक्षक होंगे। यह टीम सभी जिलों में लगातार निगरानी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र 30 मिनट से पहले ना पहुंचे ।
रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस से पेपर होंगे लॉक
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि पेपर लीक ना हो इसके लिए नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। डिजिटल लॉक में पेपर रहेंगे और परीक्षा से आधे घंटे पहले खोले जाएंगे जिसकी निगरानी भी आधुनिक तकनीक से होगी। सभी नोडल केंद्रों पर अत्याधुनिक तकनीक से युक्त RFID (रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस) लॉक लगाए जाएंगे।
आरएफआईडी की डिजिटल तकनीक में नोडल केंद्र के स्ट्रांग रूम में और बाहर दो दो वीडियो कैमरे लगाए जाते हैं। स्ट्रांग रूम से बाहर लगने वाले इस लॉक पर एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी, जिसका कंट्रोल रूम विश्वविद्यालय में होगा। जब विश्वविद्यालय से कमांड दिया जाएगा तभी स्ट्रांग रूम का ताला खुलेगा। इस डिजिटल लॉक की सुविधा होने से विश्वविद्यालय का सभी नोडल केंद्रों पर नियंत्रण सुनिश्चित हो जाएगा। सभी नोडल केंद्रों से भेजी जाने वाली टैक्सियों में जीपीएस लगवाकर उनकी लोकेशन ट्रेस की जाएगी।
-एजेंसी
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