काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे रोकने से कोर्ट ने किया इंकार, कमिश्नर बदलने की याचिका पर फैसला सुरक्षित

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काशी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए हैं। एडवोकेट कमिश्नर को बदलने के लिए मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने सर्वेक्षण के काम को रोकने से इंकार कर दिया है। बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे को देखते हुए पुलिस फोर्स और पीएसी को तैनात किया गया है। सर्वे के लिए टीम निकल चुकी है।

कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की है। प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि वादी पक्ष की तरफ से DGC सिविल ने बहस की है। प्रतिवादी पक्ष सर्वे में व्यवधान डालना चाहता है, जो कि कोर्ट की अवमानना है।

एडवोकेट कमिश्नर को बदलने के मसले पर अदालत ने अभी अपना फैसला सुरक्षित रखा है। ये सुनवाई अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के प्रार्थना पत्र पर हुई थी।

ओवैसी ने कोर्ट के फैसले को हिंसा का रास्ता खोलने वाला बताया

उधर, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी सर्वे के फैसले को एंटी मुस्लिम हिंसा का रास्ता खोलने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सेशन कोर्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। इस आदेश से कोर्ट 1980-1990 के दशक की रथ यात्रा के दौरान हुए खून-खराबे और मुस्लिम विरोधी हिंसा का रास्ता खोल रही है। ओवैसी ने कहा कि सर्वेक्षण करने का ऑर्डर 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन है।

एक किमी. के दायरे में 1,000 पुलिस और PAC के जवान तैनात

सर्वे के पहले दिन शुक्रवार को हुए बवाल को देखते हुए पुलिस अलर्ट है। एक हजार पुलिस और PAC के जवान तैनात किए गए हैं। दरअसल, शुक्रवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों की वीडियोग्राफी पर हंगामा हुआ था। जुमे की नमाज की वजह से अन्य दिनों की तुलना में ज्यादा लोग पहुंचे थे। नमाज के बाद कुछ शरारती तत्वों ने धार्मिक नारेबाजी कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी।

मस्जिद की दीवारों को अंगुली से कुरेदने की कोशिश का आरोप

वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) दिवाकर कुमार की अदालत के आदेश के आधार पर शुक्रवार को 4 बजे ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का काम शुरू हुआ था। सर्वे के बाद दोनों पक्ष बाहर निकले तो एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे। वादी पक्ष के अधिवक्ताओं का कहना था कि उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद में प्रवेश नहीं करने दिया गया। वहीं, प्रतिवादी पक्ष का कहना था कि मस्जिद की दीवारों को अंगुली से कुरेदने का प्रयास किया गया। मस्जिद में घुसने की कोशिश की गई।

पांच महिलाओं ने किया है केस

राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने अगस्त-2021 में वाराणसी की अदालत में सिविल वाद दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति मांगी थी। इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर स्थित सभी मंदिरों और देवी-देवताओं के विग्रहों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए अदालत से सर्वे कराने का अनुरोध किया था।

-एजेंसियां


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