उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में होली का पर्व आज शनिवार को मनाया गया। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले गोरखपुर की जनता के साथ जमकर होली खेली। उन्होंने बीजेपी को प्रचंड बहुमत दिलाने के लिए अपने अलग अंदाज में गोरखपुर की जनता को धन्यवाद भी दिया। यहां की जनता ने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर सदर सीट भारी मतों से जीत दिलाई है।
आज होली के पर्व पर शनिवार सुबह घंटाघर से निकलने वाली योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भगवान नरसिंह की होलिकोत्सव शोभायात्रा में बीजेपी को हासिल प्रचंड जीत के विजय जुलूस सा नजारा दिखा। यहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप पिछले 10 दिनों से होली के जोश से जुड़े हैं। दो साल में पहली बार होली पर कोरोना नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि हमें इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने का अवसर मिला है। दूसरा यूपी ने एक बार फिर राष्ट्रवाद और सुशासन के लिए सरकार चुनी है।
1996 से लेकर 2019 तक गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ इस शोभायात्रा में लगातार शामिल रहे। हालांकि पिछले दो वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से ऐसा नहीं हो पाया था। आज कार्यवाहक सीएम योगी ने गोरखपुरवासियों के साथ जमकर होली मनाई। शोभायात्रा सुबह 8:30 बजे से निकली। इसके पूर्व योगी ने गोरक्षपीठ में होलिका की भस्म का तिलक लगाकर होली मनाने की शुरुआत किए।
संघ की ओर से निकाली गई शोभायात्रा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से होली के दिन घंटाघर से निकलने वाली भगवान नृसिंह शोभायात्रा की शुरुआत अपने गोरखपुर प्रवासकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख ने 1944 में की थी। गोरखनाथ मंदिर में होलिकादहन की राख से होली मनाने की परंपरा इसके काफी पहले से जारी थी। नानाजी का यह अभियान होली के अवसर पर फूहड़ता दूर करने के लिए था। नानाजी के अनुरोध पर इस शोभायात्रा का गोरक्षपीठ से भी गहरा नाता जुड़ गया। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के निर्देश पर महंत अवेद्यनाथ शोभायात्रा में पीठ का प्रतिनिधित्व करने लगे और यह गोरक्षपीठ की होली का अभिन्न अंग बन गया।
1996 से शामिल हो रहे योगी
1996 से योगी आदित्यनाथ ने इसे अपनी अगुवाई में न केवल गोरखपुर बल्कि समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामाजिक समरसता का विशिष्ट पर्व बना दिया। अब इसकी ख्याति मथुरा-वृंदावन की होली सरीखी है और लोगों को इंतजार रहता है योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाले भगवान नृसिंह शोभायात्रा का। पांच किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने वाली शोभायात्रा में पथ नियोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता करते हैं और भगवान नृसिंह के रथ पर सवार होकर गोरक्षपीठाधीश्वर रंगों में सराबोर हो बिना भेदभाव सबसे शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।
होलिकादहन की राख के तिलक से होली की शुरुआत
गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर में होलिकोत्सव की शुरुआत होलिकादहन या सम्मत की राख से तिलक लगाने के साथ हुई। मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ अन्य साधु संतों के साथ तुरही, नागफनी, मजीरा आदि वाद्ययंत्रों की ध्वनि के बीच होलिकादहन स्थल पर पहुंचे और वहां विधि विधान से पूजन कर भस्म एकत्रित किए। यह भस्म सबसे पहले शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ को अर्पित की गया। इसके बाद योगी कमलनाथ इस विभूति से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का तिलक किया। एक दूसरे को होलिका की राख का तिलक लगाने के बाद संत समाज मंदिर के मुख्य चबूतरे पर फाग गीतों का आनंद उठाए। भक्ति की शक्ति को सामाजिकता से जोड़ना। भक्ति और सामाजिक समरसता का संदेश देने के लिए ही गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ 1996 से 2019 तक गोरखपुर में होली के दिन निकलने वाली भगवान नृसिंह शोभायात्रा में अनवरत शामिल होते रहे हैं।
इन मार्गों से निकली शोभायात्रा
शोभा यात्रा घंटाघर से निकल कर मदरसा चौक, लालडिग्गी, मिर्जापुर, घासी कटरा, जाफरा बाजार, चरण लाल चौक, आर्यनगर, बक्शीपुर, नखास चौक, रेती चौक होते हुए घंटाघर लौट कर समाप्त हो गई।
ऐसे हुई नरसिंह यात्रा की शुरूआत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और श्री होलिकोत्सव समिति महानगर की परंपरागत रूप से निकाली जाने वाली शोभायात्रा में को सीएम योगी आदित्यनाथ संबोधित किए। उसके बाद ध्वज प्रणाम और प्रार्थना हुई। प्रांत संघ चालक सुभाष , गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान नृसिंह की महाआरती कर शोभायात्रा के रथ पर सवार हुए। रंग गुलाल खेलते हुए शोभा यात्रा का प्रस्थान हुआ। श्री होलिकोत्सव समिति महानगर के अध्यक्ष इंजीनियर अरुण प्रकाश मल्ल, समिति के मंत्री मनोज जालान समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
-एजेंसियां
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