बॉम्बे हाई कोर्ट ने फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ और इससे जुड़े सभी लोगों के लिए बड़ी राहत दी है। फिल्म के खिलाफ दायर दो याचिकाओं को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है जबकि एक याचिका को डिस्पोज कर दिया है। याचिकाओं में फिल्म पर स्टे लगाने की मांग भी की गयी थी। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला दिया। फिल्म 25 फरवरी को रिलीज होने वाली है।
मंगलवार को कांग्रेस एमएलए अमीन पटेल और कुछ स्थानीय निवासियों ने फिल्म पर स्टे लगाने की मांग को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। गंगूबाई काठियावाड़ी के एक दृश्य, शीर्षक और इसमें कमाठीपुरा को रेड लाइट एरिया दिखाने पर आपत्ति जतायी गयी थी।
चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील की ओर से दलील दी गयी कि गंगूबाई काठियावाड़ी की जगह काठेवाली लिखती थीं।
वकील ने डिस्क्लेमर जोड़ने, काठियावाड़ और कमाठीपुरा जैसे शब्द हटाने की गुजारिश की। उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता एक साल से मेकर्स के सम्पर्क में थे। ट्रेलर में दिखाये गये एक दृश्य, जिसमें चीन का रेफरेंस आया है, उसे नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के लिए अपमानजनक बताते हुए हटाने की मांग की गयी थी।
याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलों के जवाब में बचाव पक्ष के वकील ने कहा था कि कमाठीपुरा इलाके में आज भी चीनी डॉक्टर्स प्रैक्टिस करते हैं। वहां चीनी लोगों की एक सिमेटरी भी है। सेंसर बोर्ड ने दिसम्बर 2021 में फिल्म को प्रमाण पत्र दिया था। सीबीएफसी द्वारा चार कट्स करने के लिए कहा गया था, जिसे पूरा कर दिया गया है। वकील ने बताया कि 10 सेकंड का डिस्क्लेमर पहले ही फिल्म में डाला गया है। बचाव पक्ष के लिए वकील ने याचिकाएं इसलिए भी खारिज की जानी चाहिए, क्योंकि ये ट्रेलर और टीजर पर आधारित हैं।
चीफ जस्टिस की बेंच ने इस बात को भी रेखांकित किया कि अगर सीबीएफसी के समक्ष चुनौती दिये अदालत में याचिका पर रिलीफ दी जाती है तो इससे सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट का वजन कम होगा। बता दें, अमीन पटेल की याचिका में कहा गया था कि जिस किताब पर फिल्म आधारित है, उसमें गंगूबाई का सरनेम काठियावाड़ी नहीं है। टाइटल से इस शब्द को हटाने की मांग भी याचिका में की गयी थी। अमीन पटेल की याचिका में निर्देशक संजय लीला भंसाली, निर्माता जयंतीलाल गाडा और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) को रिस्पॉन्डेंट्स बनाया गया है।
एक याचिका कमाठीपुरा के निवासियों की ओर से भी फाइल की गयी थी, जिसमें कहा गया कि फिल्म में पूरे कमाठीपुरा इलाके को रेड लाइट एरिया की तरह दिखाया गया है। अगर फिल्म रिलीज हो जाती है तो इलाके की महिलाओं को मुश्किल हो सकती है। बता दें, गंगूबाई के परिजन भी फिल्म को लेकर अपना विरोध दर्ज करवा चुके हैं।
गंगूबाई काठियावाड़ी में आलिया भट्ट टाइटल रोल में हैं। फिल्म की कहानी एस हुसैन जैदी की किताब माफिया क्वींस ऑफ मुंबई के एक चैप्टर से ली गयी है, जो एक ऐसी महिला के इर्द-गिर्द है, जिसे हालात से मजबूर होकर प्रोस्टिट्यूशन के धंधे में उतरना पड़ता है, मगर अपनी सूझ-बूझ और साहस के दम पर वो अंडरवर्ल्ड और कमाठीपुरा इलाके की एक कद्दावर शख्सियत बन जाती है। फिल्म में अजय देवगन रहीम लाला के किरदार में नजर आएंगे। हाल ही में गंगूबाई काठियावाड़ी की स्क्रीनिंग बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में भी हुई थी।
-एजेंसियां
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