Agra News: गुरु अर्जन देव की शहादत को समर्पित 40 दिवसीय ‘चलिया’ का गुरुद्वारा गुरु का ताल में हुआ समापन, निशान साहिब को पहनाया गया नया चोला

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आगरा। सिख धर्म के पांचवें गुरु गुरु अर्जन देव जी की शहादत की स्मृति में गुरुद्वारा गुरु का ताल में पिछले 40 दिनों से चल रहे विशेष ‘चलिया’ का समापन बुधवार को श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में संपन्न हुआ। स्त्री सेवक जत्था द्वारा आयोजित इस धार्मिक संकल्प के अंतिम दिन सुखमणि साहिब और चौपाई साहिब के पाठ, कीर्तन, अरदास और लंगर की सेवा की गई।

गुरुद्वारा गुरु का ताल के मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह ने बताया कि यह चलिया गुरु अर्जन देव जी की अमर शहादत को स्मरण करते हुए हर वर्ष स्त्रियों द्वारा 40 दिन तक विशेष पाठ और सेवा के रूप में किया जाता है। उन्होंने कहा कि गुरु अर्जन देव ने अत्यंत क्रूर यातनाओं के बाद भी ईश्वर में अटूट आस्था दिखाई। सुखमणि साहिब उन्हीं की वाणी है, जिसे ‘सुखों की मणि’ कहा गया है।

गुरुद्वारा के मुख्य दरबार साहिब में स्त्री सेवक जत्थे ने पहले सुखमणि साहिब व चौपाई साहिब का पाठ किया, फिर गुरबानी कीर्तन और अंत में आनंद साहिब के पाठ के साथ समापन हुआ। अरदास और हुकुमनामे के बाद संगत ने लंगर ग्रहण किया।

समापन के साथ ही गुरु अर्जन देव जी की शहादत की पूर्व संध्या पर गुरुद्वारे के निशान साहिब का चोला भी बदला गया। करीब 100 फीट ऊंचे निशान साहिब को हाइड्रोलिक मशीन से नीचे लाकर दूध से स्नान कराया गया और फिर उसे बसंती रंग के नए चोले से सजाया गया। इस अवसर पर नई एलईडी लाइट की झालर भी लगाई गई, ताकि निशान साहिब रात में भी दूर से दिखाई दे सके।

गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया प्रभारी जसबीर सिंह ने बताया कि 30 मई को गुरु अर्जन देव की शहादत दिवस पर, सुबह 8 बजे से देर शाम तक हाईवे पर मीठे शरबत की विशाल छबील लगाई जाएगी।

‘चलिया’ सिख धर्म में 40 दिन का धार्मिक संकल्प होता है, जिसमें संगत विशेष पाठ, सेवा या श्रद्धा से जुड़ा कोई संकल्प लेकर 40 दिन तक उसे निभाती है। यह संकल्प शुकराने, मनोकामना पूर्ति, या धार्मिक श्रद्धा के रूप में किया जाता है।

समापन समारोह में बाबा अमरीक सिंह, महंत हरपाल सिंह, ग्रंथि अजब सिंह टीटू, हरबंस सिंह, सतवीर सिंह, वीर सिंह समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।