आगरा: कमलानगर स्थित एक चाइल्ड हॉस्पिटल में बच्चे को एक्सपायरी वैक्सीन लगा दिए जाने का मामला सामने आया है। इसके पता चलते ही बच्चे के परिजनों ने हॉस्पिटल पहुंच कर हंगामा कर दिया और डॉक्टर से लिखित में लिया कि गलती हुई है और इसकी जिम्मेदारी लेता हूं। बच्चे को किसी तरह का गंभीर रिएक्शन होने की आशंका से घबराए परिजनों की नाराजगी इतने पर भी खत्म नहीं हुई, उन्होंने थाना कमलानगर में चिकित्सक के खिलाफ तहरीर दे दी। इधर कुछ कमलानगर निवासी एक राजनेता के नजदीकी कहे जाने वाले कुछ लोग मामले को रफा-दफा करने के प्रयासों में भी जुट गए। दावा किया जा रहा है कि बाद में दोनों पक्षों में सुलहनामा हो गया।
सोशल मीडिया पर सोमवार की रात्रि एक वीडियो क्लिपिंग तेजी से वायरल हुई। छह मिनट, 57 सेकेंड के इस वीडियो में बच्चे के परिजन डाक्टर से अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए और डॉक्टर अपनी गलती मानते हुए नजर आ रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कावेरी कुंज निवासी प्रतीक गर्ग अपने 26 महीने के बेटे तानुष गर्ग को लेकर कमलानगर स्थित मेटरनिटी एंड चाइल्ड केयर सेंटर पहुंचे थे। यह हॉस्पिटल डॉ सुनील अग्रवाल और डॉ संध्या अग्रवाल द्वारा संचालित है। प्रतीक का आरोप है कि 4300 रुपये लेकर बच्चे को एक्सपायर वैक्सीन लगा दी गई। प्रतीक का कहना है कि जो वैक्सीन लगाई गई थी उसके कवर को उन्होंने ऐसे ही देखा कि कहीं एक्सपायर तो नहीं है। इस पर वह एक्सपायर निकली। वैक्सीन की एक्सपायर तिथि दो माह पहले निकल चुकी थी। इसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा किया।
डॉक्टर ने अपने पर्चे पर लिखकर दिया कि उनसे एक्सपायर वैक्सीन लग गई। इस वैक्सीन से बच्चे को कोई परेशानी होती है तो उनकी जिम्मेदारी होगी। वहीं, पीड़ित का कहना है कि किसी क्षेत्रीय नेता का भी उनके पास फोन आ रहा है जो डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई न करने की बात कह रहा है। वह मामला निपटाने के लिए रुपये दिलाने की बात भी कह रहा है। प्रतीक ने थाने में भी मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दे दी है। पुलिस पर भी कुछ स्थानीय लोगों का दबाव पहुंचने की खबर है।
देर रात सोशल मीडिया पर एक और पत्र वायरल हुआ, जिसमें दोनों पक्षों के बीच सुलहनामा होने का दावा किया गया है। सादा कागज पर दो लोगों के हस्ताक्षर से लिखे गए सुलहनामे में कहा गया है कि प्रतीक गर्ग और डॉ सुनील अग्रवाल के बीच कहासुनी हो गई थी, अब सुलहनामा हो गया है। हमारा बच्चा स्वस्थ है, आगे बच्चे की देखरेख डॉक्टर साहब करेंगे। बच्चा तीन दिन तक डॉक्टर साहब की देखरेख में रहेगा, कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।