बरेली। पुलिस में दर्ज एक मुकदमे में एक दरोगा को कमाई करने का मौका नजर आ रहा था। गिरफ्तारी से बचाने और केस के निपटारे के लिए दरोगा ने 50 हजार रुपये की डिमांड रखी। जिसके समक्ष यह मांग रखी गई, वह भी चतुर था। दरोगा को उलझाया और सीधे एंटी करप्शन डिपार्टमेंट में जाकर फरियाद की। विभाग ने ताना-बाना बुना और दरोगा जी फंस गए जाल में। जो दरोगा दूसरों को गिरफ्तारी का डर दिखा रहा था, अब वह खुद गिरफ्तार हो चुका है।
मामला बरेली के बहेड़ी थाना क्षेत्र का है। इस थाने की भुडिया कॉलोनी पुलिस चौकी के इंचार्ज दीपचंद को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। दरोगा की गिरफ्तारी 50,000 रुपये की रिश्वत लेते समय हुई।
एंटी करप्शन टीम के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपित दरोगा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 13 (1) (बी) और 13 (2) तहत मामला दर्ज किया गया है। टीम ने दरोगा के खिलाफ देवरनिया थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया है।
शिकायतकर्ता जीशान मलिक ने एंटी करप्शन टीम को बताया था कि उसके चाचा और भाइयों पर दर्ज एक मुकदमे के निपटारे और गिरफ्तारी से बचाने को चौकी इंचार्ज दीपचंद 50,000 रुपये बतौर रिश्वत मांग रहा है। पीड़ित ने यह भी कहा कि दरोगा ने धमकी दी है कि अगर पैसे नहीं दिए तो उसके परिवार के सभी सदस्यों को जेल भेज देगा।
एंटी करप्शन टीम ने ट्रैप टीम बनाकर शिकायतकर्ता को चिह्नित 50,000 रुपये रिश्वत के साथ चौकी पर भेजा। जैसे ही दरोगा दीपचंद ने यह राशि स्वीकार की, ट्रैप टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। टीम ने रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली। इसके अलावा, दरोगा का मोबाइल फोन, नकद 3,000 रुपये और एक पिस्तौल भी जब्त कर ली गई। गिरफ्तारी के समय, चिह्नित नोटों पर फॉरेंसिक जांच के लिए केमिकल नोटो पर लगाया गया था। दरोगा के हाथ धुलवाने पर पर रंग निकलने लगा।
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