Agra News: अब भाईयों की कलाई पर बांधिए गौ उत्पाद से बनी राखियां, नगर निगम ने एनजीओ के साथ मिलकर बनाई गोबर की राखी

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आगरा: गाय के गोबर से जहाँ हवन सामग्री और धुपबत्ती के साथ होलिका दहन के लिए लकड़ियों बन रही है वही अब भाईयों की कलाई पर गोबर से बनी राखी भी नजर आएगी। इस बार नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के निर्देशन में नगर निगम गो उत्पादों के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए अभिनव प्रयोग किया जा रहा है।

गोशालाओं से निकलने वाले गोबर से जहां षीड बाल्स,हवन सामग्री, धूपबत्ती और बंधनवार आदि जैसे उत्पाद बनाये जा रहे हैं वहीं भाइयों की कलाई पर सजाने के लिए लव यू जिंदगी नाम की स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से राखियों का निर्माण किया जा रहा है। इन राखियों की नगर निगम स्थित स्टॉल पर मंगलवार से बिक्री भी शुरु कर दी गई है। राखियों की बिक्री सत्रह जुलाई तक बारह बजे से सायं चार बजे तक की जाएगी। नगर निगम में सरकारी छुट्टी होने पर भी स्टॉल पर राखियों की बिक्री जारी रहेगी।

इस संबंध में जानकारी देते हुए पशु कल्याण अधिकारी और स्वयंसेवी संस्था लव यू जिंदगी के सचिव प्रांकुर जैन ने संयुक्त रुप से बताया कि नगर निगम द्वारा संचालित कान्हा गौशाला से गोबर लेकर संस्था राखियों का निर्माण करा रही है। इन राखियों को बनाने का मुख्य उद्देश्य प्रमुख रुप से लोगों को गो वंश उत्पादों के प्रति जागरुक करने के अलावा वेस्ट मेैनेजमेंट को कंट्रोल करना है। इस राखी के अंदर तुलसी का बीज रखा गया। बिक्री के दौरान लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि त्योहार के उपरांत राखी को डस्टविन में डालने के बजाय उसे गमले में रखे जिससे उससे तुलसी का पौधा तैयार हो जाएगा और गोबर से खाद तैयार हो जाएगी।

पच्चीस से तीस रुपये रखी गई है राखी की कीमत:-

संस्था के सचिव ने बताया कि जो राखी नगर निगम के काउंटर से बेची जा रही है उसकी कीमत 25 और 30 रुपये रखी गई है। इसकी बिक्री से जो आय होगी उसे गायों के कल्याण में प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गाय एक ऐसा पशु है जो आधी उम्र तक ही दूध देती है जबकि गोबर जिंदा रहने तक। अतः दूध न देने पर भी गाय की सेवा की जा सके इसलिए सके गोबर के उत्पादों के प्रति लोगों को जागरुक किया जा रहा है।

साभार सहित