उत्तर प्रदेश के लड़के अब देशभर में छा रहे हैं। भारतीय टीम में जगह बनाकर अपना नाम कमा रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैच में मौका न मिलने के बाद आखिरकार ध्रुव जुरेल को खिलाया गया। रांची में खेले गए अपने करियर के सिर्फ दूसरे ही टेस्ट मैच में उन्होंने प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीतकर बता दिया कि वह कितने परिपक्व प्लेयर हैं। ध्रुव जुरेल आगरा के रहने वाले हैं। वाइट बॉल फॉर्मेट में खूब धूम मचा रहे रिंकू सिंह यूपी के अलीगढ़ में रहते हैं।
कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए आईपीएल 2023 में चमत्कारिक सीजन के बाद इस 26 वर्षीय प्लेयर को भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने का मौका मिला। रिंकू का चुनौतीपूर्ण बचपन और गरीबी से संघर्ष भारत के सबसे गरीब राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश के कई युवाओं के लिए जानी-पहचानी परेशानी है।
पैसों की तंगी के बीच बेहतर जीवन की तलाश भी कई लोगों को इधर से उधर ले जाती है। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 600 से ज्यादा रन बनाने वाले यशस्वी जायसवाल इसका एक बड़ा उदाहरण हैं। 2001 में भदोही जिले में जन्मे, जायसवाल के क्रिकेट के सपने तभी उड़ान भरने लगे जब उन्होंने 10 साल की उम्र में मुंबई जाने का साहसिक फैसला किया।
सरफराज खान भी मूल रूप से यूपी के रहने वाले हैं। अमरोहा के मोहम्मद शमी के टैलेंट को जब उत्तर प्रदेश में कद्र नहीं दी गई तो वह बंगाल जा बसे और वही से घरेलू क्रिकेट खेलने लगे।
यूपी की ‘लाइन-2’ भी मजबूत
टॉप लेवल के नीचे यानी दूसरी पंक्ति के खिलाड़ियों में सौरभ कुमार, शिवम मावी, यश दयाल, प्रियम गर्ग, समीर रिजवी और मोहसिन खान यूपी के ऐसे नाम हैं भारतीय टीम में सिलेक्ट होने के बेहद करीब है। उत्तर प्रदेश की घरेलू क्रिकेट में कोच सुनील जोशी कहते हैं, ‘वो सभी साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं और उनमें आगे बढ़ने की भूख है।’ भारत की आबादी में कुल 16.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है। अब तो उत्तर प्रदेश के पास लखनऊ सुपरजायंट्स के नाम से आईपीएल टीम भी है। राज्य के खिलाड़ियों को इससे भी काफी मदद मिलने लगी है।
कई दिग्गज पहले भी जा चुके
भारत के लिए 125 वनडे और 13 टेस्ट खेलने वाले मोहम्मद कैफ यूपी के इलाहाबाद से आते हैं। अपने करियर में 10 हजार से ज्यादा प्रथम श्रेणी रन बना चुके कैफ ने कहा, ‘हमारे लड़कों में कुछ करने की भूख है बस इनको मौका चाहिए।’ मोहम्मद कैफ के अलावा आरपी सिंह, सुरेश रैना, पीयूष चावला और भुवनेश्वर कुमार भी उत्तर प्रदेश के ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने भारतीय टीम की सेवा की।
कुलदीप यादव के कोच कपिल पांडे कहते हैं, ‘यूपी में अब अच्छे कोच हैं और कई अच्छी अकादमियां भी सामने आई हैं। अतीत में खेल छात्रावासों की एक प्रणाली हुआ करती थी। यूपी में खिलाड़ी कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद और हर जगह से तैयार होते हैं और अब उन्हें पहले से कहीं ज्यादा पहचाना जा रहा है।’
-एजेंसी
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