कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने EVM को लेकर फिर लिखा चुनाव आयोग को खत

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जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर साझा किया पत्र

जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र को सोशल मीडिया पर साझा किया है। जयराम रमेश ने सोमवार को राजीव कुमार को लिखे पत्र में कहा, ‘मैंने आयोग के साथ ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेताओं की मुलाकात के लिए समय देने का स्पष्ट अनुरोध किया था। मुलाकात के एजेंडे में वीवीपीएटी के उपयोग पर चर्चा करना और सुझाव देना शामिल थे। हमारी मांग मानने के बजाय आयोग ने हमें चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद FAQ के जवाब पढ़ने की सलाह दे दी। जब हमने कहा कि हमारे सवालों के जवाब इन FAQ से नहीं मिल रहे हैं तो आयोग ने हमारे सवालों को ही गलत बता दिया है। इससे साफ पता चलता है कि हम क्यों ईवीएम और वीवीपैट पर दर्शकों के सामने चर्चा मांग कर रहे हैं। राजनीतिक पार्टियों के साथ ही ईवीएम और वीवीपैट को लेकर चर्चा ना करना बेहद चिंताजनक बात है।’

जयराम रमेश ने लिखा, ‘यह जानकर भी आश्चर्य होता है कि आयोग न्यायिक आदेशों की आड़ ले रहा है, हमें यह भी याद दिला रहा है कि ईवीएम और वीवीपीएटी के मुद्दे पर दायर जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है।’ कांग्रेस नेता ने लिखा, ‘2019 के लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ के घटक दलों को 60 प्रतिशत से अधिक वोट मिले। फिर भी आयोग इन दलों को अपने साथ मुलाकात का अवसर देने से इनकार करता रहा है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और अप्रत्याशित है।’

उन्होंने कहा, ‘आगामी आम चुनाव जल्द ही होने वाले हैं, मैं एक बार फिर आयोग से सम्मानपूर्वक अनुरोध करता हूं कि वह ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के के एक छोटे प्रतिनिधिमंडल से मिलें और कम से कम यह सुनें कि वीवीपैट के मुद्दे पर उन्हें क्या कहना है।’

क्या है मामला

गौरतलब है कि जयराम रमेश ने विपक्षी गठबंधन की तरफ से चुनाव आयोग को 9 अगस्त 2023 को ज्ञापन देकर ईवीएम और वीवीपैट के मुद्दे पर चर्चा और सुझाव को लेकर बैठक की मांग की थी। जयराम रमेश के अनुसार, इसके बाद भी कई बार चुनाव आयोग से बैठक को लेकर मांग की गई थी, लेकिन बैठक नहीं हुई। इसके बाद जयराम रमेश ने 30 दिसंबर 2023 को चुनाव आयोग को पत्र लिखा और इसे सोशल मीडिया पर भी साझा किया।

इस पत्र में मांग की गई थी कि वीवीपैट की पर्चियों की ईवीएम से 100 फीसदी मिलान किया जाए। इस पर चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा था कि 30 दिसंबर 2023 को कोई नया दावा या कोई वैध चिंताएं नहीं उठाई गई हैं, जिसके लिए स्पष्टीकरण की जरूरत हो।

-एजेंसी


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