कोलकाता। पश्चिम बंगाल में टीईटी का प्रश्नपत्र रविवार को लीक हो गया. परीक्षा शुरू होने के एक घंटे के अंदर तथाकथित प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. परीक्षा दे रहे अभ्यर्थी यह दावा कर रहे हैं कि टीईटी के ‘ए’ सेट का मुख्य प्रश्न और मूल प्रश्न पत्र बिल्कुल वायरल हुए प्रश्न के समान है, हालांकि बोर्ड ने प्रश्नपत्र लीक होने की खबर को खारिज कर दिया है.
मूल प्रश्नपत्र वायरल प्रश्नपत्र जैसा ही है. यह दावा उम्मीदवारों के एक वर्ग ने किया, हालांकि बोर्ड अध्यक्ष ने दावा किया, मुझे ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली.
पता चला है कि टीईटी परीक्षा के दौरान फेसबुक पर एक प्रश्नपत्र घूम रहा था. ‘डब्ल्यूबी टीईटी एसएलएसटी सेट सीटीईटी तैयारी’ नामक पेज से एक प्रश्न पत्र पोस्ट किया गया है. आज परीक्षा के बाद नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थी यह दावा कर रहे हैं कि टीआईटी के ‘ए’ सेट का मुख्य प्रश्न और मूल प्रश्न पत्र बिल्कुल वायरल हुए प्रश्न के समान है.
नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थियों से पूछा गया कि क्या वायरल प्रश्न पत्र मूल प्रश्न से मेल खाता है या नहीं? उन्होंने स्पष्ट उत्तर दिया. सूत्रों के मुताबिक वायरल हुए प्रश्न पत्र के 122, 124,121 समेत कई प्रश्न वायरल हो गए हैं. ये सवाल दोपहर 1 बजे से सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं.
बोर्ड सूत्रों के मुताबिक उन्हें पूरा मामला समझ में आ गया है. हालांकि, उनका साफ कहना है कि जब प्रश्नपत्र वायरल हो गया है, तो अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे हैं. नतीजा यह हुआ कि उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ. कुछ लोग ने जानबूझकर बोर्ड को बदनाम करने के लिए ऐसा किया है.
राज्य के कई जिलों में वायरल हुआ प्रश्नपत्र
हालांकि, सिर्फ कोलकाता ही नहीं, बल्कि हावड़ा, जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी के अभ्यर्थी कह रहे हैं कि मूल प्रश्नपत्र वायरल प्रश्नपत्र जैसा ही है. एक परीक्षार्थी ने कहा, ”मैंने पिछली बार भी परीक्षा दी थी. मुझे नौकरी नहीं मिली. मैं जानता हूं कोई उम्मीद नहीं है. मैंने यह परीक्षा पिछली बार दी थी और अब दोबारा नहीं दूंगा.
वकील विकास भट्टाचार्य ने कहा, ”जो लोग परीक्षा दे रहे हैं या परीक्षा भर्ती में शामिल हैं, वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भ्रष्टाचार में शामिल हैं. भ्रष्टाचार के बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता. वे छात्रों को भ्रष्टाचार में शामिल करते हैं.
शिक्षक भर्ती में हुआ था भ्रष्टाचार, अभी भी कई जेल में
हालांकि, तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया, ”ये डर पैदा करने के लिए किया जाता है. कई जगहों पर ऐसे लोग हैं जो सीपीएम या बीजेपी समर्थक हैं, वे ऐसा कर सकते हैं. लेकिन तथ्य यह है कि जब यह घटना घटी तो परीक्षार्थी हॉल के अंदर थे.
बता दें कि इसके पहले टीआईटी परीक्षा के दौरान बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार हुआ था. भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित टीएमसी के कई विधायक और शिक्षक भर्ती बोर्ड के कई पूर्व अधिकारी अभी भी जेल में हैं. अब फिर से परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र लीक होने का मामला सामने आने से हंगामा मच गया है.
– एजेंसी
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