छठ पूजा पर देश में जमकर हुआ कारोबार, 8000 करोड़ की बिक्री का अनुमान: कैट

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कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( CAIT) जो इस वर्ष हर त्यौहार के बिक्री के आँकड़े जारी कर रहा है, ने छठ पूजा की बिक्री के आँकड़े आज जारी करते हुए कहा कि छठ पूजा भारत की लोक संस्कृति का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है जो नहाय खाय से शुरू होकर चार दिनों में पारण पर समाप्त होता है.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बालकृष्ण भरतिया एवं सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि छठ पूजा के लिए जहां फल एवं फूल तथा सब्ज़ी की बिक्री बड़े पैमाने पर हुई वहीं वस्त्र, साड़ियाँ, गारमेंट, शृंगार की वस्तुएँ, खाद्यान, आटा, चावल, दालें ज़ाहिद खाद्यान वस्तुएँ, सिंदूर, सुपारी, छोटी इलायची एवं सहित पूजा का सामान, नारियल, आम की लकड़ी, मिट्टी के चूल्हे, देसी घी सहित अन्य सामान की ज़बरदस्त बिक्री हुई.

छठ पूजा का व्रत महिलाएं अपनी संतान और पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना को लेकर करती हैं. इस पूजा में लंबा सिंदूर पति के लिए बेहद शुभ माना जाता है और इसलिए छठ पूजा के दौरान महिलाएं नाक से मांग तक सिंदूर लगाती है. ऐसा माना जाता है महिलाएं जितना लंबा सिंदूर लगाती हैं उनके पति की आयु ही लंबी होती है. छठ पूजा के बाद अब त्यौहारों की श्रृंखला 23 नवम्बर को समाप्त होगी जब देश भर में तुलसी विवाह बड़े पैमाने पर मनाया जायेगा और उसी दिन से देश में शादियों का सीजन भी शुरू हो जाएगा .

डूबते सूरज की भी होती है पूजा

यह भारत की संस्कृत एवं सभ्यता है कि जहां छठ पूजा के दौरान उगते सूर्य के साथ पहले डूबते सूर्य की पूजा की जाती है जो इस बात की स्पष्ट दर्शाता है कि उगते के साथ तो सब होते हैं लेकिन भारत के लोग डूबते का भी सहारा बनते हैं. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि बिहार एवं झारखंड के अलावा यह त्यौहार पूर्वी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश में भी मनाया जाता है क्योंकि इन सभी राज्यों में बिहार के लोग बड़ी संख्या में काम करते हुए अपनी आजीविका अर्जित करते हैं.

-एजेंसी


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