यूरोपीय संघ (ईयू) ने भारत में अपने मिशन के लिए एक सैन्य अताशे को तैनात किया है। यह पहली बार है कि यूरोपीय संघ ने भारत के लिए एक सैन्य अताशे की नियुक्ति की है। ये 27 देशों वाले यूरोपीय संघ और भारत के बीच हाल के सालों में मजबूत हुए रक्षा और सुरक्षा संबंधों को दिखाता है। भारत और यूरोपीय संघ के बीच रणनीतिक संबंध बीते कुछ सालों में लगातार बेहतर हुए हैं।
दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में ही यूरोपीय संघ ने सैन्य अताशे नियुक्त किए हैं। सैन्य अताशे ने पिछले हफ्ते नई दिल्ली में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल में अपना पद ग्रहण किया। यूरोपीय संघ ने अपना पहला अताशे 2020 की शुरुआत में अमेरिका में पोस्ट किया था। फिलहाल यूएन के 15 से कम देशों में सैन्य अताशे हैं, जिसमें अब एक भारत भी है।
दूतावास या मिशन में कार्यरत होता है अताशे
अताशे एक सैन्य अधिकारी होता है, जो किसी दूतावास या मिशन में कार्यरत होता है। यूरोपीय संघ भारत और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के कई अन्य देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है
पिछले साल फरवरी में पेरिस में अपने मंत्रिस्तरीय फोरम की बैठक के बाद यूएन ने इंडो-पैसिफिक के लिए अपनी रणनीति पर एक विस्तृत बात की थी। यूरोपीय संघ ने इंडो-पैसिफिक में अपने सहयोगियों के साथ अपनी रक्षा और सुरक्षा भागीदारी बढ़ाने और उत्तर-पश्चिम हिंद महासागर में समन्वित समुद्री उपस्थिति की अवधारणा के विस्तार की घोषणा की थी। सितंबर, 2021 में EU ने इंडो-पैसिफिक में आर्थिक, राजनीतिक और रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अपनी रणनीति का अनावरण किया था।
Compiled: up18 News
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