लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने। उसको पुरातन पहचान दिए जाने के संबंध में मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में आयुक्त सभागार में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मंडलायुक्त ने कहा कि कुकरैल नदी हमारे जनपद की सांस्कृतिक महारेखा है। नदिया मोक्षदायिनी माता है जो हमारे देश के हर प्राणी को अपने जल से शुद्ध करती हैं। उन्होंने कहा कि आज नदियों के आसपास विभिन्न लोगों के द्वारा गंदगी करने की कोशिश की जाती है जिसके बचाव के लिए हमें कुकरैल नदी को निर्मल स्वच्छ बनाने के लिए स्वंय को जाग्रति होना पडेगा। उन्होंने कहा कि कुकरैल नदी का न सिर्फ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि जनपद की आबादी के जीवन से सीधा संबंध जुड़ा हुआ है।
बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि इसके प्रति लोगों को जागरूक करना भी आवश्यक है ताकि वे अपने घरों से निकलने वाली दूषित पानी या कचड़ा नाला में नहीं फेंके। यही दूषित व कचड़ायुक्त पानी विभिन्न बहाव माध्यमों से नदियों में समाहित होकर उसे प्रदूषित करता है। इससे जलीय जीवों एवं हमारे रोजमर्रा के जिंदगी में प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके साथ-साथ यह पानी भू-गर्भ में जाकर जलस्तर को प्रदूषित कर देती है। इस संबंध में उन्होंने आम जनमानस से आह्वान करते हुए कहा कि कोई भी कुकरैल नदी में कचरा, पॉलीथिन आदि सामग्री नहीं फेंकेगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण एवं नदियों को प्रदूषण मुक्त किए जाने एवं उसको पुरातन पहचान दिलाना हम सबका नैतिक कर्तव्य एवं जिम्मेदारी है। उन्होने निर्देशित किया कि कुकरैल नदी को क्लीन व स्वच्छ बनाने के लिये सभी विभाग जनमानस का सहयोग लेते हुये कार्य करना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, लखनऊ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
Compiled: up18 News
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