जब-जब दिल्ली के पास घूमने की बात आती है, तब-तब हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम ऋषिकेश का आता है। यही एक ऐसी जगह है, जहां आप 4 से 5 घंटे में आराम से पहुंच सकते हैं और घूम-फिरकर वापस घर को लौट सकते हैं। और अब तो इस हफ्ते 5 दिन की छुट्टी भी आ रही है, पहाड़ी जगहों पर ना जाकर आप यहां जाकर अपनी छुट्टियां बिता सकते हैं। बस हां, ध्यान रहे भीड़ होने की वजह से होटल्स मिलना मुश्किल हो जाएगा। अपनी प्लानिंग अभी से ही बनाकर चलें।
आज हम आपको आपकी पसंदीदा जगह की कुछ ऐसी खुफिया जगह बताते हैं, जिसके बारे में आपने शायद ही सुना होगा। इस हफ्ते पांच दिन की छुट्टी में आप यहां घूमने का मन बना सकते हैं।
ऋषिकेश में है ‘आस्था पथ’
क्या आप जानते हैं ऋषिकेश में एक मरीन ड्राइव जैसी जगह भी है। ऋषिकेश में गंगा किनारे मौजूद ‘आस्था पथ’ है, जिसे मरीन ड्राइव भी कहते हैं। गंगा तट पर कई साल पहले इसका निर्माण किया गया था। इसका मकसद था लोगों को गंगा तट पर ऋषिकेश के शोर गुल से दूर एक बेहतरीन वातावरण मिल जाए। ये रास्ता ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट से बैराज तक बना है, जिसकी लंबाई करीबन तीन किमी है। यहां सुबह शाम आपको पर्यटक घूमते हुए दिख जाएंगे।
नीर वाटरफॉल ऋषिकेश
ये झरना ऋषिकेश का सबसे बड़ा झरना है, इसे नीरगढ़ वाटरफॉल भी कहते हैं। यहां रोज बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और पर्यटक प्राकृतिक खूबसूरती का लुत्फ उठाने के लिए यहां आते हैं। बद्रीनाथ हाईवे से दो किमी ऊपर ये नीर झरना मौजूद है। यहां जाने के लिए मोटर रास्ता है, जिनकी मदद से आप यहां जा सकते हैं। ये झरने ऋषिकेश के सबसे बड़े झरने के रूप में फेमस है। यहां पहुंचते ही आपको आनंद की अनुभूति होगी।
झिलमिल गुफा
तीन गुफाओं का एक समूह, ये गुफाएं मणिकूट पर्वत पर स्थित हैं, जो मुख्य ऋषिकेश शहर में लक्ष्मण झूला से लगभग 21 किलोमीटर और नीलकंठ मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर दूर है। नीलकंठ तक गाड़ी चलाने के बाद घने जंगल के अंदर एक पगडंडी से होकर, लगभग एक घंटे या उससे भी कम समय में आप यहां पहुंच सकते हैं। बस हां, यहां जाने के लिए आपको थोड़ा पैदल चलना पड़ेगा। ये रास्ता कठिन नहीं है और सुरक्षित भी है। यहां आपको पूरे दिन बैठकर शांति का एहसास होगा। कजरी वन के नाम से जाना जाने वाला यह जंगल कई हाथियों का घर भी माना जाता है।
ऋषिकुंड गर्म पानी का झरना
प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर के ठीक बगल में ऋषिकुंड नाम का एक सुंदर और प्राचीन गर्म पानी का झरना है। ऐसा माना जाता है कि वनवास के दौरान भगवान राम ने आकर इन झरनों में डुबकी लगाई थी। प्राचीन काल में इस झरने के पानी का उपयोग ऋषि-मुनियों द्वारा अपने पवित्र स्नान के लिए किया जाता था। त्रिवेणी घाट के बहुत करीब स्थित, इस तक आप रिक्शे से भी आसानी से पहुंच सकते हैं।
गरुड़ चट्टी झरना
ऋषिकेश से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गरुड़ चट्टी झरना मानसून के दौरान सबसे सुंदर माना जाता है, यहां पानी सात अलग-अलग स्तरों से बहता है। 1.5 किलोमीटर की ये ट्रेकिंग नीलकंठ मंदिर रोड पर पड़ती है, जो लक्ष्मण झूला से लगभग 3 किलोमीटर दूर है। यहां गरुड़ को समर्पित एक मंदिर है जिसके पास ये झरना शुरू होता है। हालांकि आपको ये झरना थोड़ा छोटा लगेगा, लेकिन बेहद दिलचस्प भी है। हरी-भरी हरियाली और अछूते प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बसा यह स्थान ऋषिकेश की खुफिया जगहों आता है।
Compiled: up18 News
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