चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद इसकी सफलता का श्रेय लेने के लिए होड़ मची हुई है। कांग्रेस जहां इसे देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू की देन बात रही है वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अटल बिहारी वाजपेयी एक पुराने भाषण से निशाना साधा है। गौरतलब कि चंद्रयान का लैंडर विक्रम बुधवार को शाम 6 बजे चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया है। रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर चहलकदमी भी कर रहा है।
आइए समझते हैं मामला क्या है
चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इसे नेहरू के विजन का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि 6 दशक पुराने अंतरिक्ष कार्यक्रम में आज एक और उपलब्धि देखी। उधर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि भारत आज अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी अलग अनोखी पहचान बना रहा है। उन्होंने दावा किया कि 1969 के बाद से अब तक इसरो ने कुल 89 मिशनों को लॉन्च किया है। इसमें पिछले 9 साल के मोदी सरकार में 47 मिशन लॉन्च किए गए हैं।
वाजपेयी का 2003 का भाषण हो रहा है वायरल
पूर्व पीएम वाजपेयी के 15 अगस्त 2003 के एक भाषण के जरिए बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। वाजपेयी अपने इस भाषण में कह रहे हैं कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत एक ऊंची उड़ान लेने के लिए तैयार है। मुझे ये बताने में ये खुशी हो रही है कि 2008 से पहले भारत चंद्रमा पर अपना अंतरिक्ष यान भेजेगा। जिसका नाम होगा चंद्रयान प्रथम।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम वाजपेयी ने 2003 में चंद्रयान मिशन का ऐलान किया था जो 2008 में पूरा होगा। इसके बाद कांग्रेस ने चंद्रयान-2 मिशन को 2014 तक रोके रखी जब तक सत्ता से वह बार नहीं हो गई। 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी चांद मिशन को तेजी से आगे बढ़ाया। चंद्रयान-2 के लिए फंड उपलब्ध कराया और चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचाया। सभी चंद्रयान मिशन बीजेपी के प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में लॉन्च हुआ।
मालवीय ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि इतने सालों में जितने कांग्रेस केवल गांधी परिवार के इर्दगिर्द सिमटी रही। कांग्रेस नेहरू के साइंटिफिक टेम्पर के बारे में मिथक बनाने का प्रयास कर रही है, उन्हें नेहरू का गीत गाना बंद कर देना चाहिए।
मालवीय ने अपने एक और ट्वीट में कांग्रेस पर राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को फंड नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘बहुत पहले नहीं, अक्टूबर 2013 में, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी, तब भी इसरो अपने दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान -2 के लिए एक लैंडर और एक रोवर विकसित करने के लिए अधिक धनराशि के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहा था।
2014 में भारत ने प्रधानमंत्री मोदी को चुना। अंतरिक्ष अनुसंधान का बजट 2013-14 के 5,615 करोड़ से 123 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में 12,543 करोड़ हो गया। भारत ने 2014 के बाद 389 अंतर्राष्ट्रीय उपग्रह लॉन्च किए। इससे पहले के सभी वर्षों में इसने केवल 35 लॉन्च किए थे।
इन अंतर्राष्ट्रीय लॉन्च से 2014 के बाद भारत को 157 मिलियन अमेरिकी डालर और 223 मिलियन यूरो प्राप्त हुए। कुल मिलाकर 3,300 करोड़ रुपये के लगभग प्राप्त हुए। 2019 में चंद्रयान-2 को स्थापित करने के असफल प्रयास के बाद, भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को भी उतारा। ऐसा करने वाला वह एकमात्र देश है। हमने हार नहीं मानी। इसलिए विपक्ष और विशेष रूप से कांग्रेस को नेहरू के गीत गाना बंद करना चाहिए और राष्ट्रीय महत्व की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का समर्थन करने में अपने खराब ट्रैक रिकॉर्ड को देखना चाहिए।
Compiled: up18 News
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