बिहार में जातिगत जनगणना कराने के नीतीश सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। मंगलवार को ही पटना हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना की मंजूरी दी थी। इसी के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है।
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जाति सर्वेक्षण पर चार मई को अस्थायी रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने कहा था कि जाति-आधारित डेटा का संग्रह संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक आदेश है।
इसके बाद हाईकोर्ट ने एक अगस्त को बिहार सरकार द्वारा कराए जा रहे जाति सर्वेक्षण को वैध और कानूनी ठहराया। अदालत ने उन याचिकाओं को भी खारिज कर दिया जो जून 2022 में राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए जाति सर्वेक्षण के खिलाफ दायर की गई थीं।
Compiled: up18 News