भारत ने रुपये को अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन में बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्लान बनाया

Business

सूत्रों के मुताबिक बैंकरों की एक एक्सपर्ट कमेटी इस बारे में विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। यह कमेटी अगले महीने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। इस कमेटी में एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया समेत कई बैंकों के सदस्य शामिल हैं। एक बैंक अधिकारी ने कहा कि इंडिपेंडेंट फाइनेंसिंग मेसेजिंग सिस्टम के बारे में भी एक सुझाव आया है।

बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट्स वाले देशों के साथ इसका यूज किया जा सकता है। कमेटी यह सुझाव देगी कि सिस्टम को कैसे ऑपरेशनल बनाया जा सकता है और इसमें क्या-क्या चुनौतियां हैं। इसके बाद आरबीआई समेत दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ इस पर चर्चा होगी।

रुपये का बढ़ता रुतबा

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कमेटी आरबीआई के मौजूदा प्लेटफॉर्म एसएफएमएस (स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मेसेजिंग सिस्टम) पर विचार करेगी। हम यह देखेंगे कि इसे कैसे बढ़ाया जा सकता है। एसएफएमएस को स्विफ्ट की तर्ज पर बनाया गया है। इसे बैंकों के बीच कम्युनिकेशन सिक्योर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

आरबीआई ने 2022 में अपने विजन डॉक्यूमेंट में इस सिस्टम के दायरे को बढ़ाने की बात कही थी। सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रुपये को बढ़ावा देने के लिए बैंकों से इंटरनेशनल ट्रेडिंग कम्युनिटी के साथ आउटरीच प्रोग्राम चलाने को कहा है। अब तक 22 देशों के 20 बैंक 92 स्पेशल रुपी वोस्ट्रो अकाउंट्स (SVAs) खोल चुके हैं।

Compiled: up18 News


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.