पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “हम भारत को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह देते हैं क्योंकि उसकी आक्रामक बयानबाज़ी क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा है और ये दक्षिण एशिया में रणनीतिक माहौल को अस्थिर करने का काम करती है.”
पाकिस्तान की ओर से ये भी कहा गया है कि ये पहली बार नहीं जब भारत के राजनेताओं और वरिष्ठ सैन्य अफ़सरों ने आज़ाद जम्मू और कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर इतना गैर-ज़िम्मेदाराना बयान दिया है. इस तरह के अंध-राष्ट्रवादी बयानबाज़ी रुकनी चाहिए.
पाकिस्तान ने कहा है कि वो किसी भी आक्रामकता के ख़िलाफ़ अपनी रक्षा करने में सक्षम है.
राजनाथ सिंह ने क्या कहा?
रक्षा मंत्री ने द्रास में कहा था कि 26 जुलाई 1999 को युद्ध जीतने के बाद भी हमारी सेना ने अगर एलओसी पार नहीं की, तो वो इसलिए क्योंकि भारत शांतिप्रिय है और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को लेकर प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा, “उस समय अगर हमने एलओसी पार नहीं किया तो इसका मतलब यह नहीं कि हम पार नहीं कर सकते थे. हम ऐसा कर सकते थे, हम एलओसीपार कर सकते हैं, और ज़रूरत पड़ी तो भविष्य में एलओसीपार करेंगे.”
Compiled: up18 News
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