सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल सरकार की दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। पहली याचिका दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर थी। दूसरा मामला दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ था।
CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा- दिल्ली सरकार और उप-राज्यपाल वीके सक्सेना मिलकर DERC के चेयरमैन का नाम तय करें।
कोर्ट ने कहा- LG और मुख्यमंत्री दोनों ही संवैधानिक पदों पर हैं। इन लोगों को लड़ाई-झगड़े से ऊपर उठना चाहिए। दोनों साथ बैठें और DERC का नाम तय कर हमें बताएं।
इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ सुनवाई की।
CJI चंद्रचूड़ ने कहा- हम यह मामला पांच जजों के संविधान पीठ को भेजना चाहते हैं। फिर संविधान पीठ तय करेगा कि क्या केंद्र इस तरह संशोधन कर सकता है या नहीं?
हालांकि इस मामले में अभी तक फैसला नहीं हुआ है। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। कोर्ट तब तय करेगा कि अध्यादेश का मामला संविधान पीठ को भेजा जाए या नहीं।
LG विनय सक्सेना ने 21 जून को DERC चेयरमैन चुना था
उप-राज्यपाल ने 21 जून को उमेश कुमार को DERC का चेयरमैन नियुक्त किया था। 4 जुलाई को इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उमेश कुमार की शपथ ग्रहण पर रोक लगा दी थी।
Compiled: up18 News
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