ट्विटर के पूर्व सीईओ और सह-संस्थापक जैक डोर्सी ने एक इंटरव्यू में दावा किया है कि किसान आंदोलन के समय केंद्र सरकार ने ट्विटर के भारत में दफ़्तरों को बंद करने की धमकी दी थी और कर्मचारियों के घर पर छापे मारे गए थे. इस बयान पर अब तत्कालीन आईटी मंत्री और वर्तमान सांसद रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया है.
उन्होंने कहा है कि ट्विटर अमेरिकी कांग्रेस और ब्रिटिश संसद में पेश होता है लेकिन भारत की संसदीय समिति के सामने पेश नहीं होते. वो हमारे नियम नहीं मानते थे.
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “ये लोग महिलाओं की गलत तस्वीरें ट्वीट करने वालों पर कार्रवाई करने से इंकार करते थे. ये ट्विटर के लोग वही थे जो अमेरिकी कांग्रेस में पेश होंगे, ब्रिटिश संसद में पेश होंगे लेकिन भारत की संसदीय समिति के सामने पेश नहीं होंगे. उस समय ना ही ये भारत का संविधान मानते थे और ना ही भारत का क़ानून मानते थे.”
“सबसे बड़ी बात हमने कही थी कि आप अपने अकाउंट को वेरीफाई कीजिए. कई बार अनवेरीफाइड अकाउंट से पाकिस्तान से ट्वीट होता था जो आतंकवादियों के समर्थन में होता था. ये सारे काम नहीं किए, जैक डोर्सी ने क्या किया है वो सारी चीज़ें सामने आ रही हैं. एक बात साफ़ है भारत में हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सम्मान है, भारत एक लोकतंत्र है लेकिन भारत का क़ानून मानना होगा.”
“जैक डोर्सी का दावा गलत है. अगर लाल किले पर तिरंगे का अपमान किया गया, जो सच है और अगर उस कंटेंट को रोकने को कहा गया तो इसमें क्या गलत है. पहले उन्होंने कहा ये फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन है बाद में वो हमारी बात माने. ट्विटर पर महिलाओं की आपत्तिजनक तस्वीरें परोसी जा रही थी उस पर कार्रवाई नहीं हो रही थी. हमने कहा आपको कार्रवाई करनी होगी.”
Compiled: up18 News