Cannes फिल्म फेस्टिवल में रेड कार्पेट तक पहुंचे प्रदर्शनकार‍ी, पुल‍िस ने भगाए

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रोशनी और सितारों से जगमग कान फिल्म फेस्टिवल को सफल बनाने के लिए फ्रांस सरकार कोई कमी नहीं छोड़ती. इस साल भी सरकार ने यहां होने वाले सभी विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है. 16 से 27 मई तक चलने वाले इस फेस्टिवल पर प्रदर्शन का असर न पड़े इसको लेकर यहां की सरकार सख्ती बरत रही है. इसकी वजह है कि राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की वो पेंशन स्कीम जिसमें बदलाव किया गया है. सरकार चाहती थी कि रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाया जाए और फ्रांस की कॉन्सिटीट्यूशन काउंसिल ने उसे मंजूरी भी दे दी.

नए नियम के मुताबिक, रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 62 से 64 साल कर दी गई है. राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इस कानून पर मुहर भी लगा दी है. इसके बाद ही देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए. सरकार पूरी कोशिश में है कि इन प्रदर्शनों का असर फिल्म फेस्टिवल पर न पड़े.

यह कोई पहला मौका नहीं है जब प्रदर्शन का असर आयोजन पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. पिछले साल भी फ्रांस में ऐसे ही हालात बने थे, लेकिन सबसे ज्यादा स्थिति बिगड़ी 1968 में. हालात ऐसे हो गए थे कि विरोध-प्रदर्शन के कारण इस फिल्म फेस्टिवल को कैंसल करना पड़ा.

अब इसकी कहानी भी समझ लेते हैं. फेस्टिवल के लिए 10 मई, 1968 की तारीख चुनी गई थी. तैयारियों जोरों पर शुरू हुईं. कान सेलिब्रिटी से रोशन होने लगा था कि अचानक तक इसे रोकने की नौबत आ गई. यह वो दौर था जब पूरे फ्रांस की सड़कों छात्र प्रदर्शन चल रहे थे. कर्मचारी ने हड़ताल कर दी थी. 30 लाख मजदूर सड़कों पर थे. पूरा देश बंद था.

13 मई को फ्रेंच क्रिटिक्स एसोसिएशन स्टूडेंट्स के पक्ष में आया और बयान जारी करके फेस्टिवल को कैंसिल करने की घोषणा की. छात्रों का प्रदर्शन अहिंसक पुलिस के खिलाफ था और उन्होंने पुलिस सिस्टम पर देश की स्वतंत्रता को खत्म करने का आरोप लगाया था. पुलिस ने कई मामलों को लेकर छात्रों पर सख्ती बरती थी.

पुराने मामले से सबक

1968 और पिछले प्रदर्शनों से सबक लेते हुए सरकार ने आदेश जारी किया है कि पूरे फेस्टिवल के दौरान प्रदर्शन नहीं किए जा सकेंगे.विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि फ्रांस में वर्तमान में जो पुलिस बल उपलब्ध है वो प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है. पहले ही इनकी तैनाती आयोजन के अलग-अलग हिस्सों में की जा चुकी है.

हॉलीवुड रिपोर्टर की रिपोर्ट में कहा गया है, लोगों को अधिकार है कि वो प्रदर्शन कर सकें.स्वतंत्र रूप से अपनी आवाज को सामने रख सकें. इसे ग्लैमर से दूर नहीं रखा जाना चाहिए.

Compiled: up18 News


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