Agra News: यमुना किनारा मार्ग पर खड़े न दिखें ट्रांसपोर्ट एजेंसियों के वाहन, मंडलायुक्त ने दिए सख्त कार्यवाई के निर्देश

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अवैध पेठा इकाइयों पर लगाएं पूर्ण प्रतिबंध

आगरा। ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) प्राधिकरण की सोमवार को आयुक्त सभागार में हुई बैठक में पेठा कारोबारियों और ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के लिए सख्त आदेश जारी किए गए।

इस साठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंडलायुक्त अमित गुप्ता ने कहा कि यमुना किनारा मार्ग पर संचालित 33 ट्रांसपोर्ट एजेंसियों के वाहन सड़क​ पर किसी भी स्थिति में खड़े न होने पाएं, अगर खड़े पाए जाते हैं तो उन पर एक्शन लिया जाए।

बैठक में यमुना किनारा स्थित ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के बिन्दु पर भी विचार किया गया, जिसमें संभागीय परिवहन अधिकारी ने अवगत कराया कि जीएसटी विभाग में पंजीकृत 348 ट्रांसपोर्ट एजेंसियों की प्राप्त सूची के परीक्षण उपरान्त 33 ट्रांसपोर्ट एजेंसियॉं यमुना किनारा मार्ग पर अभी भी संचालित हैं। इस पर मण्डलायुक्त ने उक्त निर्देश दिए।

उन्होंने यमुना किनारे के ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को स्थानान्तरण हेतु ट्रांसपोर्ट नगर में रिक्त भू-खण्ड ई-ऑक्शन के माध्यम से आवंटन की कार्यवाही के बारे में जानकारी ली, जिसमें बताया गया कि इसके लिए तीन आवेदन आए जिनमें एक आवेदन पात्र व दो आवेदन अपात्र पाए गए। मण्डलायुक्त ने ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों से बात कर आवंटन की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कराए जाने के लिए अपर जिलाधिकारी (नगर) को जिम्मेदारी देने के निर्देश दिए। मण्डलायुक्त ने घनी आबादी क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर कार्यवाही करने को निर्देशित किया तथा किसी भी दशा में यमुना किनारे ट्रांसपोर्ट गतिविधियां रोकने के निर्देश दिए।

बैठक में पेठा इकाइयों के कालिंदी विहार में स्थानान्तरण एवं पेठा इकाइयों में कोल/कोक पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाने तथा अन्यत्र अवैध पेठा उत्पादन करने वाली इकाइयों का औचक निरीक्षण कर पेठा कारखानों/भट्टियों की सीलिंग/ध्वस्तीकरण व जुर्माना वसूले जाने हेतु निर्देशित किया। अपर जिलाधिकारी (नगर) ने बताया कि अवैध रूप से संचालित दो कारखाने सील किए जाने की कार्यवाही की गई है।

बैठक में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आईआईटी कानपुर से तैयार करायी गयी ताजमहल केन्द्रित स्टडी के परिप्रेक्ष्य में एक्शन प्लान एवं इसकी प्रगति की समीक्षा की गयी।

मंडलायुक्त ने मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि केयर फेसेलिटिज से उत्पन्न बायोमेडिकल वेस्ट के सम्बन्ध में मेंटेन की गई लॉगबुक का नियमित सत्यापन कराया जाये, किसी भी दशा में बायोमेडिकल वेस्ट कबाड़ियों को विक्रय हेतु न दिया जाये तथा उसके समुचित निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।