SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर बोले, आतंकवाद को हर रूप में ख़त्म करना होगा

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जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. हम मानते हैं कि आतंकवाद किसी भी तरीके से उचित नहीं ठहराया जा सकता. सीमा पार आतंकवाद सहित इसे हर रूप में रोकना होगा. आतंकवाद से निपटना एससीओ के मुख्य उद्देश्यों में से एक है.”

अंग्रेज़ी को एससीओ की आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की मांग का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, “इस बैठक में मुझे इस बात की खुशी है कि एससीओ में सुधार और उसके नवीनीकरण पर बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है.”

“मैं अंग्रेजी को एससीओ की तीसरी आधिकारिक भाषा बनाने के लिए भारत की लंबे समय से चली आ रही मांग को फिर दोहराता हूं, ताकि अंग्रेजी बोलने वाले सदस्यों के साथ गहरी बातचीत हो सके.”

एससीओ के विदेश मंत्रियों कीबैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर शुक्रवार को आमने-सामने मिले और जयशंकर ने बिलावल भुट्टो का बैठक में स्वागत किया.

इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़, एसएसीओ के जनरल सेक्रेट्री झांग मिंग का भी स्वागत किया.

इस बैठक में किर्गिस्तान, कज़ाख़स्तान, उज़्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री भी शामिल हो रहे हैं.

साल 2001 में गठित इस संगठन का उद्देश्‍य- सुरक्षा सहयोग, नस्लीय और धार्मिक चरमपंथ से निपटना और व्यापार और निवेश बढ़ाना है. एक तरह से एससीओ को अमेरिकी प्रभुत्‍व वाले नेटो का जवाब माना जाता है.

वर्तमान में एससीओ के आठ सदस्य भारत, पाकिस्तान, चीन, रूस, कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान हैं.

इसके अलावा चार ऑब्ज़र्वर देश अफ़ग़ानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया हैं.

Compiled: up18 News


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