Agra News: जिसके कंधे पर थी सुरक्षा की जिम्मेदारी वही बन गया चोर, कोर्ट ने सुनाई 2 साल की सज़ा

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आगरा: रेल यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर थी वही लोग यात्रियों के सामान की चोरी करने लगे। एक गिरोह बनाया। उस गिरोह में सरगना बने और अपनी छत्र छाया में चोरों का गैंग चलाने लगे। खाकी पहनकर रेल यात्रियों के सामान की चलती ट्रेनों में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले एक जीआरपी कॉन्स्टेबल को आज 2 साल की सजा हो गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रेलवे कोर्ट ने आज इस कॉन्स्टेबल को 2 साल की सजा सुनाने के साथ ₹5000 जुर्माना भी लगाया। सहायक अभियोजन अधिकारी महेंद्र प्रताप केसरी ने इस पूरे मामले की जानकारी दी।

2004 का है पूरा मामला

यह पूरा मामला 2004 का है। जानकारी के मुताबिक रात्रि में सफर कर रहे एक चिकित्सक का फैंसी बैग चोरी हुआ था। इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई तो तत्कालीन जीआरपी आगरा कैंट प्रभारी बीएस त्यागी ने रंगे हाथ जीआरपी कॉन्स्टेबल अवतार सिंह को गिरफ्तार किया।

अवतार सिंह उस समय आगरा के राजा मंडी जीआरपी थाने में तैनात था। तत्कालीन जीआरपी कैंट प्रभारी ने उसके पास से चोरी का सूटकेस, ₹25000 नगद, डिजिटल डायरी और अन्य कीमती सामान बरामद किया था। तत्कालीन थाना प्रभारी ने जीआरपी कॉन्स्टेबल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था जो बाद में बेल पर बाहर चल रहा था लेकिन आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रेलवे कोर्ट ने आज उसे 2 साल की सजा सुना दी।

बना लिया था एक गिरोह

जानकारी के मुताबिक अवतार सिंह ने खाकी की आड़ में चलती ट्रेनों में चोरियां शुरू कर दी। जीआरपी कांस्टेबल और खाकी पहने होने के चलते उस पर कोई शक नहीं करता था। कोई टोका टाकी भी नहीं करता था जिसके चलते उसकी हिम्मत और बढ़ गई। इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले लोगों को पता चला तो वह उसके साथ हो लिए। फिर क्या था अवतार सिंह ने चोरों का एक गिरोह तैयार कर लिया और उस गिरोह के माध्यम से ट्रेनों में चोरियों की वारदात को अंजाम देने लगा।

कई और मुकदमे भी हैं दर्ज

सहायक अभियोजन अधिकारी महेंद्र प्रताप केसरी ने बताया कि अवतार सिंह के खिलाफ अभी एक ही मामले में फैसला आया है। अभी उसके खिलाफ लगभग 4 से 5 मुकदमे और दर्ज हैं। उनमें भी सुनवाई चल रही है कुछ ही दिनों में उनमें भी फैसला आएगा। उम्मीद है कि जिस तरह से इस मामले में उसे सजा हुई है अन्य मामलों में भी सजा होगी।

सहायक अभियोजन अधिकारी महेंद्र प्रताप की सीडी ने बताया कि तत्कालीन थाना प्रभारी जीआरपी आगरा कैंट को लगातार ट्रेनों में बढ़ रही चोरियों की सूचनाएं मिल रही थी। उन्होंने अपने मुखबिर तंत्र को लगाया तो मुखबिर खास से जानकारी हुई कि इन सब के पीछे जीआरपी कॉन्स्टेबल अवतार सिंह का हाथ है। फिर क्या था थाना प्रभारी ने भी जाल बिछाना शुरू कर दिया। रेलयात्री जो चिकित्सक थे उनका बैग चोरी हुआ। थाना प्रभारी हरकत में आए और अवतार सिंह को ट्रेन से चिकित्सक का चोरी का बैग ले जाते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।


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