सोशल मीडिया पर कुछ लोग हों, विपक्ष के नेता या भाजपा के ही अंदर के कुछ लोग मार्गदर्शक मंडल को नकारात्मक तरीके से देखते हैं। मार्गदर्शक बना दिया तो मतलब साइडलाइन कर दिया, इस तरह का नरैटिव तैयार कर दिया गया है। ऐसे आलोचकों को आज गृह मंत्री अमित शाह ने खूब सुनाया। वैसे, सवाल उनसे येदियुरप्पा को लेकर किया गया था लेकिन जवाब में उन्होंने विरोधियों को चुप करा दिया।
‘आज तक’ के मंच पर शाह से सवाल किया गया कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के बारे में कहा जा रहा है कि आपने उन्हें साइडलाइन कर दिया है, क्या ऐसे में आप चुनाव जीत पाएंगे?
शाह ने कांग्रेस का नाम लेकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में रिटायरमेंट का कॉन्सेप्ट ही नहीं है। कांग्रेस की व्याख्या है कि राजनीति में सक्रियता का मतलब है चुनाव लड़ना और सत्ता प्राप्त करना। मेरी पार्टी का ये नहीं है।
येदियुरप्पा पर बोले शाह
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि येदियुरप्पा जी आज भी हमारे नेता हैं। केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सक्रिय सदस्य हैं। उन्होंने स्वयं उम्र होने के कारण दूसरे को मौका देने का भाव व्यक्त किया था।
शाह ने कहा, ‘आज मुझसे भी ज्यादा ऊर्जा के साथ अगर कोई कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनाने के लिए मेहनत और प्रयास कर रहा है तो वह श्री येदियुरप्पा जी हैं मगर राजनीति के अंदर सक्रियता का मतलब सिर्फ चुनाव लड़ना… ऐसा मेरी पार्टी में नहीं है।’
दूसरी पार्टियों को सीखना चाहिए
शाह ने आगे कहा कि ढेर सारे कार्यकर्ता बूथ से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे हैं, जो शायद कभी चुनाव नहीं लड़े लेकिन अपनी विचारधारा और देश के विकास के लिए और भाजपा को जिताने के लिए उतना ही परिश्रम करते हैं जितना मोदी जी करते हैं। तंज स्वरूप एंकर ने कहा कि क्या यह कहना सही होगा कि आपने उन्हें कर्नाटक की मार्गदर्शक मंडली में डाल दिया है?
शाह ने तल्ख अंदाज में कहा, ‘मुझे नहीं पता कि आप जैसे पत्रकार सत्ता के बाहर रहकर भी राजनीति में एक्टिव रहने की बात को अच्छा मानते हैं या बुरा। ये मार्गदर्शक शब्द जिसे व्यंग्यात्मक बना दिया गया है, दूसरी पार्टियों को सीखना चाहिए।’
जोशी हों या आडवाणी
शाह ने सवाल पूछा, ‘राजनीति के अंदर सिर्फ सत्ता के लिए काम करना है क्या? पार्टी की विचारधारा कोई चीज नहीं होती है, पार्टी का संगठन कोई चीज नहीं होता है। किस प्रकार की राजनीति हम देश में बनाना चाहते हैं। स्वयं के लिए काम करना, हमारी पार्टी की ये राजनीति नहीं है।
हमारी पार्टी में ढेर सारे नेता हैं जो हंसते-हंसते पार्टी के लिए और देश के लिए सालों तक काम करते हैं जबकि उनको कुछ नहीं मिलता है।’ शाह का यह जवाब इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज भाजपा नेताओं के भी मार्गदर्शक मंडल में होने के कारण कई तरह की बातें कही जाती रही हैं। ऐसे आलोचकों को भी शाह ने येदियुरप्पा पर सवाल के सहारे जवाब दे दिया है।
गृह मंत्री ने कहा कि मैं ऐसे लोगों को जानता हूं और ऐसे लोगों की बड़ी फौज है। मैं उनकी सराहना करते हुए कहना चाहता हूं कि आज भाजपा 2 सीट से लेकर 304 सीट तक पहुंची है तो उन तपस्वी कार्यकर्ताओं के कारण ही पहुंची है। भाजपा की वेबसाइट पर मार्गदर्शक मंडल नाम से एक पेज भी है। इसमें चार नेताओं के नाम और फोटो लगे हैं।
1. नरेंद्र मोदी
2. एल. के. अडवाणी
3. डॉ. मुरली मनोहर जोशी
4. राजनाथ सिंह
अमित शाह ने साफ किया है पार्टी मुद्दों के आधार पर प्रत्याशियों में बदलाव करती है।
अमित शाह ने कहा कि पार्टी न गुजरात मॉडल, न कर्नाटक, कोई मॉडल नहीं है। हम मुद्दों के आधार पर उम्मीदवारों में बदलाव करते हैं। शाह ने कहा कि पार्टी कड़े फैसले लेती है, जो हजम कर लेते हैं उन्हें सम्मान मिलता है, जो छोड़कर जाते हैं उनमें से ज्यादातर चुनाव नहीं जीतते हैं। शाह ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कांग्रेस पर प्रहार किया। अमित शाह ने यह भी कहा कि कर्नाटक में मुस्लिमों का आरक्षण असंवैधानिक था। इसलिए हमने उसे खत्म किया। शाह ने दावा किया कर्नाटक में बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी।
केजरीवाल-ममता पर कटाक्ष
शाह ने कहा कि हम राजीव गांधी की तरह एयरपोर्ट पर जैसे वीरेंद्र पाटिल को बदल दिया था, वैसे नहीं कर सकते हैं। उन्होंने एक पल में बोल दिया कि आप मुख्यमंत्री नहीं हैं।
अमित शाह ने आयुष्मान भारत योजन के जरिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोला। शाह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिल्लीवालों को नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल को डर है कि इससे मोदी जी को यश मिलेगा। केजरीवाल पर कटाक्ष करने के बाद शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि किसान सम्मान निधि का लाभ कई सालों से बंगाल के किसानों को नहीं मिला, क्योंकि ममता जी नहीं चाहती थी कि किसानों के खाते में मोदी जी के चेक जाएं।
राहुल गांधी पर भी बोले
केंद्रीय गृह मंत्री कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मकान खाली करने से जुड़े सवाल पर भी बोले। उन्होंने कहा कि हमने नहीं कहा कि राहुल गांधी को कि वो OBC का अपमान करें, उनके एडवाइजर ने कहा। सजा हम कर नहीं सकते।
ऑर्डिनेंस फाड़ डाला, जब उनपर गाज गिरती है तो इतना बेचारा नहीं बनना चाहिए। कोई भी परिवार कानून के ऊपर नहीं है। राहुल गांधी को मोदी सरनेम मानहानि केस में अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी है। उन्हें इस मामले में सजा के खिलाफ अपील में भी झटका लग चुका है।
सेम सेक्स मैरिज पर टिप्पणी नहीं
सुप्रीम कोर्ट में सेम सेक्स मैरिज की सुनवाई पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने अपना रुख शपथ-पत्र के माध्यम से स्पष्टत: रखा है। हम ऐसा मानते हैं कि वह हमारा स्टैंड साफ करता है। सुप्रीम कोर्ट जब बहस कर रहा हो तो मेरा टिप्पणी करना उचित नहीं। हमारे लॉ ऑफिसर पक्ष रख रहे हैं। सब कुछ सार्वजनिक हैं। देखते हैं कि सुप्रीम कोर्ट क्या करता है।
हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे
आतंकी हमले के बीच बिलावल भुट्टो के दौरे पर शाह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहले भी मंत्री आते रहे हैं। इस तरह से कोई अलग-थलग रहकर दुनिया में नहीं रह सकता। भारत की सीमा के अंदर किसी भी हमले का मुंह तोड़ जवाब देना हमारा अधिकार है और हम देंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री गोवा में 4-5 मई को होनी वाली एससीओ की मीटिंग शामिल होने के लिए भारत आ रहे हैं।
अखंडता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
खालिस्तान के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कि किसी की लहर नहीं है। इसको हम बड़ी बारीकी से देख रहे हैं। देश की एकता और अखंडता से खिलवाड़ करने की किसी को इजाजत नहीं है। अमृतपाल के नहीं पकड़े जाने के सवाल पर शाह ने कहा कि कई बार होता है। जिस प्रकार से वो घूम रहे थे अब वैसे गतिविधि नहीं कर पा रहे हैं। खुद के निजी जीवन पर पूछे गए सवाल पर शाह ने कहा कि हमारे जीवन में कुछ भी नहीं छिपा है7 बस टॉयलेट छिपा है। मेरा निजी जीवन निजी है और बहुत अच्छा है।
Compiled: up18 News
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