PM शहबाज की पार्टी के नेता ने कहा, भारत के साथ धोखा करने की सजा भुगत रहा है पाक

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जब लाहौर आए थे वाजपेयी

मोहम्‍मद जुबैर उमर ने वीडियो में साल 1999 की लाहौर बस यात्रा को एक बड़ा घटनाक्रम करार दिया। उन्‍होंने कहा कि साल 2015 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाहौर आए थे। मगर इससे पहले फरवरी 1999 में तत्‍कालीन गैर कांग्रेसी भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी पाकिस्‍तान आए थे। यह विदेश नीति की सबसे बड़ी पहल थी और एक महान घटनाक्रम था। एक बीजेपी नेता होते हुए वह शांति का पैगाम लेकर बस से लाहौर आए। वह मीनार-ए-पाकिस्‍तान गए और उन्‍होंने लिखा कि भारत दिल से पाकिस्‍तान को मंजूर करता है और उसकी तरक्‍की के लिए दुआ करता है।

उन्‍होंने कहा कि वाजपेयी ने एक बड़ा राजनीतिक खतरा मोल लिया था लेकिन पाकिस्‍तान ने कारगिल की जंग का तोहफा उन्‍हें दे दिया। वह मुल्‍क पर बम तक गिरा सकते थे। मोहम्‍मद जुबैर की मानें तो पाकिस्‍तान ने अपने लिए खुद गड्ढा खोदा है। तरक्‍की के लिए भारत के साथ शांति बहुत जरूरी है। मोहम्‍मद जुबैर उमर सिंध के 32वें गर्वनर भी रहे हैं। उन्‍हें एक महत्‍वपूर्ण नेता माना जाता है। साल 2013 से 2017 तक वह तत्‍कालीन पीएम नवाज की कैबिनेट में भी शामिल थे।

भारत के साथ ट्रेड जरूरी

मोहम्‍मद जुबैर के मुताबिक देश की आबादी में 56 फीसदी का इजाफा हुआ है। उनके लिए संसाधन जुटाना मुश्किल है। पाकिस्‍तान का एक सबसे बड़ी समस्‍या है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ रिश्‍ते ही अच्‍छे नहीं हैं। उनकी मानें तो चार पड़ोसी जिनसे हमें फायदा हो सकता था, उनके साथ विवाद जारी है। जब भारत से टमाटर और चीनी मंगाने की बात होती है तो कोई फैसला ही नहीं लिया जाता है। हर सरकार में ऐसे मंत्री हैं जो भारत के साथ व्‍यापार की बात सुनते ही आग-बबूला होने लगते हैं। अगर आप ट्रेड ही नहीं करेंगे तो आगे नहीं बढ़ सकते हैं।

वीडियो में उन्‍होंने कहा कि कोई भी देश आर्थिक लिहाज से आगे नहीं बढ़ता है बल्कि एक क्षेत्र का विकास होता है तो उसका फायदा उस देश को मिलता है। भारत और चीन दुनिया की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाएं हैं। मगर दुर्भाग्‍य से पाकिस्‍तान इनका फायदा कभी नहीं उठा पाया है। उनका कहना था कि 30 साल में भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ा है। लेकिन आप इतिहास में ही फंसे हुए हैं। ऐसे तो कभी भी पाकिस्‍तान कभी तरक्‍की नहीं कर पाएगा। दशकों तक चले युद्ध और तनाव के बाद आपको इतिहास को भुलकर आगे बढ़ना होगा। आपको बैठकर सोचना होगा कि अगर भारत के साथ व्‍यापार शुरू होगा तो जनता को कैसे फायदा होगा।

आतंकवाद का खामियाजा

जुबैर ने इस वीडियो में बड़ी बेबाकी से कहा है कि जब आप वित्‍त मंत्री के सामने महंगाई कम करने और घाटा कम करने जैसे लक्ष्‍य रखते हैं तो फिर विदेश मंत्री से क्‍यों नहीं पूछते हैं कि उन्‍होंने भारत के साथ शांति कायम हो इस दिशा में क्‍या किया है। 30 सालों से देश में जेहादी संस्‍कृति रही है और बड़े फख्र के साथ कहा जाता है कि देश के लिए 80 हजार लोग कुर्बान हुए हैं।

देश में तहरीक-ए-तालिबान (TTP), जैश-ए-मोहम्‍मद और लश्‍कर-ए-तैयबा जैसे संगठन तैयार किए गए। उन्‍होंने दो टूक कहा कि भारत और पूरे कश्‍मीर में आतंकवाद फैलाने के मकसद से तैयार ये संगठन अब पाकिस्‍तान पर ही भारी पड़ने लगे हैं। ऐसे में आपकी छवि तो अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कमजोर हो गई। साथ ही साथ निवेशकों का भरोसा और धैर्य भी खत्‍म हो गया। आतंकवाद पर आपकी मानसिकता ही नहीं बदल रही है।

Compiled: up18 News


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