दलितों के आरक्षण पर भाजपा डाल रही डाका: रामजीलाल सुमन

Politics

कोलकाता में सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान संगठन के साथ साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर खुलकर चर्चा की गई। लोकसभा चुनाव को लेकर प्लान भी तैयार कर लिया गया। सूत्रों की माने तो सपा यूपी में दलित वोट बैंक के सहारे चुनावी मैदान में साइकिल दौड़ाने की तैयारी कर रही है। इस वोट बैंक को हासिल करने के लिए पार्टी के पुराने चेहरे अवधेश प्रसाद और रामजीलाल सुमन को मुख्य जिम्मेदारी दी गयी है।

पार्टी की कार्य समिति की बैठक में भाग लेकर आगरा लौटे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन से कार्यसमिति बैठक को लेकर खुलकर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की गई, साथ ही संगठन को कैसे मजबूत किया जा सकता है इस पर भी चर्चा हुई। कार्यसमिति की बैठक में आर्थिक और राजनीतिक दोनों ही प्रस्तावों पर चर्चा हुई जिसमें सभी ने अपने अपने प्रस्ताव भी रखें। चर्चा के बाद कई प्रस्तावों पर मुहर लगी।

सपा राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने कहा कि बैठक में उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि पार्टी जाति नही बल्कि मुद्दों के आधार पर राजनीति करें। इस समय पिछड़ों की जनगणना का सवाल है। किसानों की तमाम समस्याएं हैं, उनकी एमएसपी का सवाल है। दलितों की आरक्षण का सवाल है जिस पर भाजपा डाका डालने में लगी हुई है। भाजपा बाबा साहब के संविधान को खत्म करने में लगी है। उस संविधान को बचाए रखने का सवाल है, जैसे दलितों का आरक्षण बचा रहे।

रामजी लाल सुमन से हुई बातचीत में यह सामने निकलकर आया कि सपा की रणनीति के अनुसार यदि दलित वोट बैंक उसके साथ जुड़ जाए तो 2024 की सियासी राह आसान हो सकती है। 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा ने लोहियावादियों का अंबेडकरवादियों को एक मंच पर लाने की शुरुआत की थी। पार्टी ने डॉ आंबेडकर के सिद्धांत और सपनों को पूरा करने की वकालत करते हुए आंबेडकर वाहिनी की घोषणा की तो विधानसभा चुनाव में पार्टी का वोट बैंक करीब 32 फीसदी तक पहुंच गया। एक बार फिर यही कवायद होने लगी है जिसकी झलक बैठक में दिखी।

सपा राष्ट्रीय महासचिव ने कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब जवाहरलाल नेहरू पीएम थे तो उन्होंने सरकारी उपक्रम लगाने की शुरुआत की थी। भारत के प्रधानमंत्री रहे जवाहरलाल नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेई तक सरकारी उपक्रमों की संख्या बढ़ी लेकिन मनमोहन के पीएम बनते ही सरकारी उपक्रमों की संख्या घटने लगी। सवाल-जवाब होने लगे तो जवाब मिलने लगा कि सरकारी उपक्रम घाटे में जा रहे हैं इसलिए बेची जा रहे हैं। रामजीलाल सुमन ने कहा कि उस वक्त भी उन्होंने यही मांग की थी कि सरकारी उपक्रम कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के चलते घाटे में हैं। इनका सही प्रबंधन हो तो यह कभी घाटे में नहीं रह सकते।

रामजीलाल सुमन ने कहा कि कांग्रेस ने सरकारी उपक्रमों के साथ जो किया सो किया लेकिन उससे भी ज्यादा पीएम नरेंद्र मोदी करने में पीछे नहीं हट रहे हैं। जितने भी सरकारी उपक्रम जो मुनाफे में चल रहे हैं, पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें निजी हाथों में दे रहे हैं, उन्हें बेच रहे हैं। रोना भी तो इसी बात का है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन सरकारी उपक्रम निजी हाथों में चले जाएंगे उस दिन आरक्षण स्वयं ही समाप्त हो जाएगा। यानी भाजपा की एक सोची समझी साजिश कहे या फिर रणनीति जिस पर तेजी के साथ काम किया जा रहा है।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने दो टूक शब्दों में कहा कि पार्टी से आम व्यक्ति भाषणों से नहीं बल्कि उनके लिए किये गए संघर्ष से जुड़ेगा। अगर हमने किसी पीड़ित या किसान और आम जन की लड़ाई नहीं लड़ी तो वह हमारा साथ नहीं देगा। अगर हम किसी के बुरे वक्त में काम नहीं आएंगे तो वो कैसे हमें अपना मानेगा। इसीलिए पार्टी को जनाधार बढ़ाने के लिए संघर्ष करना होगा।


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