आगरा मेट्रो के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि मेट्रो ट्रैक के किनारे (500-500 मीटर के दायरे में) अब बहुमंजिला भवन बनेंगे। यह भवन आठ से 14 मंजिला होंगे। इससे मेट्रो के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए आगरा महायोजना-2031 में बदलाव किया जा रहा है।
एक ही भवन में दोनों तरीके के नक्शे होंगे पास
महायोजना में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) को शामिल किया जाएगा। एक ही भवन में दोनों तरीके के नक्शे पास होंगे। यानी एक हिस्से को आवासीय और उसे हिस्से को व्यवसायिक में दिखाया जा सकेगा।
शहर में मेट्रो ट्रैक तीस किमी लंबा होगा। पहला कारिडोर 14 और दूसरा कारिडोर 16 किमी लंबा होगा। अभी तक मेट्रो ट्रैक के 50 से 100 मीटर के दायरे में अगर कोई भी आवासीय या फिर व्यवसायिक निर्माण होता है तो इसके लिए उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) से अनुमति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना जरूरी है। इसके बाद ही भवन का निर्माण किया जा सकता है।
आगरा महायोजना-2031 बनकर तैयार
आगरा महायोजना-2031 बनकर तैयार हो गई है। दो माह पूर्व महायोजना को शासन को भेजा गया था। अब शासन ने महायोजना में टीओडी को शामिल करने के आदेश दिए हैं। नगर विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मेट्रो के किनारे बहुमंजिला भवन बनने से लोग इसका उपयोग अधिक करेंगे। इससे मेट्रो को घाटे में जाने से बचाया जा सकेगा। इसी आधार पर ट्रैक के दोनों तरफ 500-500 मीटर के दायरे में बहुमंजिला भवन बनाने पर जोर दिया गया है।
जलवायु मंत्रालय ने जारी किए नए आदेश
जलवायु मंत्रालय ने हाल ही में नए आदेश जारी किए हैं। नए आदेश से शहर में बहुमंजिला भवनों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। बीस हजार वर्ग मीटर से अधिक की जमीन का भी नक्शा पास हो सकेगा। ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) प्राधिकरण से कोई भी दिक्कत नहीं आएगी।
-एजेंसी
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