आपने Bermuda Triangle का नाम तो सुना होगा। इसे दुनिया की सबसे रहस्यमयी जगह माना जाता है। अच्छे-अच्छे पायलट तक इसका नाम सुनकर घबरा जाते हैं। कहते हैं कि यहां से गुजरने वाला जहाज अचानक से समुद्र में समाकर कहीं गायब हो जाता है। कई लोग इसका कारण अदृश्य शक्तियों को मानते हैं, तो कुछ लोग एयर ट्रेफिक को जिम्मेदार ठहराते हैं।
पर क्या आप जानते हैं कि भारत में भी Bermuda Triangle हैं। जी हां, इनमें से एक है उड़ीसा के मयूरभंज जिले में। कहते हैं कि यहां अचानक से उड़ते विमान गुम हो जाते हैं। बताया जाता है कि यहां अब तक 25 विमान हादसे हो चुके हैं और कई लोग मौत का शिकार हो चुके हैं। इन हादसों के बाद यहां उड़ान भरना खतरे से खाली नहीं है। भारत के बरमूडा ट्रायंगल के बारे में जानने के लिए लोग उत्सुक रहते हैं। यह एक ऐसा रहस्य है, जिसका अब तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है।
आजादी के पहले से चल रहा है सिलसिला
भारत के Bermuda Triangle में पहला हादसा 1944 में हुआ था। 4 मई 1944 में अमेरिकी सेना का लड़ाकू विमान दूसरे विमान से टकरा गया था, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। आजादी से पहले यहां विमानों के अचानक गुम होने का सिलसिला शुरू हुआ था। यहां आखिरी बार विमान दुर्घटना 2018 में हुई थी, जिसमें पायलट की जान बच गई थी।
अरुणाचल प्रदेश में है भारत का दूसरा Bermuda Triangle
केवल उड़ीसा में ही नहीं बल्कि अरुणाचल प्रदेश से सटे ऐसे कई पहाड़ी इलाके हैं, जहां न जाने कितने प्लेन क्रैश हो चुके हैं। अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी वायुसेना के करीब 400 लोगों ने यहां अपनी जान गंवाई थी। यहां केवल अमेरिका के ही नहीं बल्कि भारत के भी कई हेलिकॉप्टरों के गुम होने की खबर आ चुकी है।
कभी तेज हवाएं, तो कभी जीरो विजिबलिटी बनती है कारण
जानकार मानते हैं कि यहां ज्यादातर हादसे मौसम के खराब होने की वजह से होते हैं। उड़ीसा के मुकाबले यहां का मौसम ज्यादा खराब रहता है। प्लेन के रूट पर कभी जीरो विजिबिलिटी हो जाती है, तो कभी अचानक से तेज हवाएं चलने लगती हैं और आंधी तूफान जैसे हालात बन जाते हैं। यह आंधी इतनी तेज गति से चलती है कि हेलीकॉप्टर छोटे विमान को दूर धकेल देती है। जिस कारण प्लेन का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे पहले कि पायलट कुछ सोच समझ पाए, प्लेन क्रैश हो जाता है।
2019 में हुआ था हादसा
यहां एक विमान हादसा 2019 में हुआ था। जिसमें करीबन 13 लोगों की मौत हो गई थी। दुर्घटना में खोजबीन के 15 दिन बाद विमान का मलबा पड़ा, लेकिन कोई जिंदा नहीं मिला।
Compiled: up18 News