मथुरा: प्रति एक लाख पर पंद्रह सौ संभावित टीबी रोगियों की प्रतिवर्ष कराई जाए जांच- डॉ. श्रीवास्तव

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राज्य क्षय रोग प्रशिक्षण संस्थान के मॉनिटरिंग और ट्रेनिंड हेड डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने किया जनपद का दो दिवसीय दौरा

मथुरा: राज्य क्षय रोग प्रशिक्षण संस्थान के मॉनिटरिंग और ट्रेनिंग के हेड डॉ. अनुराग श्रीवास्तव के नेतृत्व में आईआरएल आगरा की छः सदस्यीय टीम ने जनपद का दो दिवसीय स्थलीय निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दूसरे दिन यानि शुक्रवार को टीम के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बल्देव पर बलगम परीक्षण की स्थिति और मरीजों को उपलब्ध कराई जाने वाली दवा, उसके फॉलोअप, निःक्षय पोषण योजना के लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी।

इसके बाद जिला क्षय रोग केंद्र में टीम ने जनपद में कार्यरत समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। टीम में डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, डॉ. स्टेफी, ब्रहमानंद, पंकज, गजेंद्र तथा विमल शर्मा रहे। निरीक्षण के समय जिला क्षय रोग केंद्र मथुरा से बीनू सचान, अखिलेश दीक्षित, शिव कुमार, सतीश चंद्र, आलोक तिवारी, हिमांशु सेठी आदि उपस्थित रहे

समीक्षा के बाद टीम के द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार वर्मा को ब्रीफ जानकारी प्रदान की गई

बैठक में डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया गया कि यदि वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करना है तो यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रति एक लाख पर कम से कम पंद्रह सौ संभावित टीबी रोगियों का परीक्षण किया जाए। ओपीडी में आने वाले कम से कम पांच प्रतिशत रोगियों का बलगम परीक्षण कराया जाए | समय समय पर आशा कार्यकर्त्ताओं/हेल्थ केयर वर्कर एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सीएचओ के माध्यम से अधिक से अधिक सभांवित क्षय रोगियों की पहचान कर उनका जांच एवं उपचार कराया जाए।

माइक्रोबायलॉजिस्ट ब्रह्मानंद ने बताया कि प्रत्येक लैब टैक्नीशियन बलगम की स्लाइड बनाने की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। ऐसा करने से ही हम अधिक से अधिक क्षय रोगियों की पहचान कर टीबी को फैलने से रोक सकते हैं तथा मरीजों का सही समय पर उपचार कर उन्हे ठीक कर सकते हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संजीव यादव ने बताया कि आईआरएल आगरा की टीम का जनपद मथुरा में भ्रमण सकारात्मक रहा है। उनके द्वारा प्रदत्त सुझावों को क्षेत्र में अमल मे लाया जायेगा जिससे कि कार्यक्रम और गतिशील बनाया जा सके।

जिला पीपीएम समन्वयक आलोक तिवारी ने बताया कि समय समय पर होने वाले ऐसे निरीक्षणों से कर्मचारियों के ज्ञानवर्धन तथा उत्साह में वृद्धि होती है।

-up18news