उत्तराखंड के श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग, 7 स्टूडेंट्स सस्पेंड

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मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर सीएमएस रावत ने बताया कि इस मामले की विभिन्न लेवल पर जांच कराई गई, जिसमें आरोप को सही पाया गया है। रैगिंग की बात तब खुली, जब एक स्टूडेंट के पैरेंट्स ने अगले दिन कॉलेज प्रशासन से शिकायत की। फिर कई सारे जूनियर्स ने यह बात बताई। कॉलेज की फैक्ट फाइंडिंग कमिटी में जूनियर्स के फैक्ट्स सही पाए गए।

प्रिंसिपल रावत ने बताया कि 40 जूनियर एमबीबीएस स्टूडेंस को बुलाकर उनका लिखित बयान लिया गया। फिर उनके वर्जन को क्रॉसचेक किया गया। जिन 7 सीनियर स्टूडेंट्स का नाम सामने आया, उनके साथ पहले भी अनुशासन की समस्या रही है। जूनियर्स के साथ उनकी कुछ बातचीत को भी जुटाया गया। सभी पहलुओं को जोड़ने पर कमिटी ने निष्कर्ष निकाला और फिर ऐक्शन लिया गया।

उन्होंने बताया, ‘7 आरोपी स्टूडेंट्स को अगले 3 महीने तक सभी अकैडमिक सेशन्स से दूर रखा जाएगा। फिर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई को जारी रखने की इजाजत देने से पहले उनके बिहैवियर को परखा जाएगा। सभी स्टूडेंट्स के लिए यह स्पष्ट संदेश है कि ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नए बैच ने अभी जॉइन ही किया है और उन्हें परेशान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।’

गौरतलब है कि उत्तराखंड में हाल के दिनों में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग की घटनाएं सामने आई हैं। कहीं पर जूनियर्स के सिर के बाल छीले गए, तो कहीं पर गाली देने और कैम्पस में पिटाई का आरोप भी लगा। नैनीताल जिले में हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में टकला करने के साथ ही मारपीट, बोतल सिर पर फोड़ना और सिगरेट के छल्ले मुंह पर छोड़ना आम बात रहती है।

Compiled: up18 News


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