आगरा: यमुना में नहाने गए 5 युवक डूबे, बेटियां बनी भगवान सब को बचाया

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आगरा बेटियों को अक्सर कर समाज में दूसरे घर का धन मानते हैं बेटों की अपेक्षा बेटियों को शिक्षा एवं अन्य कार्यों में पीछे रखते हैं लेकिन इस दुनिया में हर जगह बेटियों ने बेटों को पछाड़ा है हर तरफ बेटियां आगे बढ़ रही हैं बेटियां लक्ष्मी का रूप है जब कोई अत्याचार करता है तो काली भी बनने में कोई देर नहीं लगती आगरा की बेटियों ने दशहरा के दिन वह कर दिखाया जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता 5 घरों के चिरागों को बुझने से बचा लिया।

मामला थाना डौकी क्षेत्र के के गांव महल बादशाह का है दशहरा के दिन यमुना नदी में नहाने के लिए गांव बुढाना के आधा दर्जन से ज्यादा लड़के गए हुए थे दूसरी तरफ बेटियां भी यमुना में नहाने गई थी नाते नाते यमुना नदी के दलदल में फंसते चले गए यहां तक कि यमुना में डूब गए आसपास खड़े लड़के चीख-पुकार कर रहे थे।

चीख-पुकार सुनकर उन्होंने उस तरफ दौड़ लगा दी नजारा देखा कि पांच युवक जमुना में डूब गए अपनी जान की परवाह न करते हुए तत्काल ही यमुना में छलांग लगा दी तीनों बेटियों ने बारी बारी से पांचो युवकों को बाहर निकाला बेहोशी की हालत में युवकों के पेट से पानी निकाला।

मिथलेश और आता एवं उसकी सहेली ने यह साहस दिखाया जब सभी लड़कों को होश आ गया तब उनके साथियों के साथ उनको अपने घर भेजा बेटियों द्वारा दिखाए गए साहस के कारण 5 घरों में फेलने वाले मातम को खुशियों में बदल दिया और पांच घरों के चिरागों को बुझने से बचा लिया इसलिए कहा जाता है कि बेटियां भी किसी से कम नहीं है अगर उस समय देवी बंद कर बिटिया नहीं आती तो शायद युवकों को बचाना संभव नहीं था तीनों बेटियां चर्चा का विषय बनी हुई है

इतनी बड़ी घटना होने से बच गई जब वीडियो वायरल हुआ सब क्षेत्रीय पुलिस सक्रिय हुई और उन लोगों की जानकारी करने में जुट गई जो यमुना नदी में नहाने गए थे युवकों के परिजनों का कहना है कि तीनों बेटियां देवी बन कर आ गई नहीं तो हमारे घर में मातम छा जाता।

रिपोर्टर- भूपेंद्र भारद्वाज “मौत”