चंडीगढ़। पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को असम की जेल से पंजाब की जेल में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर प्रस्तावित मार्च से एक दिन पहले उसकी मां को गिरफ्तार कर लिया गया. अमृतपाल सिंह को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया था.
अमृतपाल सिंह और उसके नौ साथी इस समय असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. पुलिस उपायुक्त आलम विजय सिंह ने बताया कि अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. डीसीपी ने कहा कि उन्हें एहतियातन हिरासत में लिया गया है. अधिकारी ने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी. पुलिस ने बताया कि अमृतपाल के चाचा सुखचैन सिंह और तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.
ये गिरफ्तारी ‘चेतना मार्च’ निकाले जाने से एक दिन पहले की गई. अमृतपाल और नौ अन्य लोगों को असम की जेल से पंजाब की जेल में लाने की मांग को लेकर 8 अप्रैल को बठिंडा में तख़्त दमदमा साहिब से मार्च निकाला जाना था.
अमृतपाल सिंह पर लगा था एनएसए
बता दें कि वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ अंजलाना थाने पर हमला करने का मामला दर्ज था. इसको लेकर पंजाब पुलिस पिछले साल 18 मार्च को अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी, लेकिन वह फरार हो गया था. फिर पुलिस की तरफ से अमृतपाल सिंह और उसके कुछ सहयोगियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया था.
भिंडरावाले के गांव से पकड़ा गया था अमृतपाल
पंजाब पुलिस की कई टीमों को अमृतपाल सिंह की तलाश में लगाया गया था. पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली, यूपी और राजस्थान में पंजाब पुलिस की टीमों ने छापेमारी की थी. इस दौरान पंजाब में इंटरनेट तक बंद करना पड़ा था और धारा कई जिलों में धारा 144 लगाई गई थी. इसके 36 दिन बाद 23 अप्रैल 2023 को पंजाब पुलिस को सफलता मिली और उन्होंने बठिंडा के रोडे गांव के एक गुरुद्वारा के बाहर से अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया था. बता दें कि रोडे गांव जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है.
फिलहाल अमृतपाल सिंह और उसके साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. उनके परिजनों की तरफ से सभी को पंजाब की जेल में स्थानांतरित करने की मांग की जा रही है.
– एजेंसी
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