आगरा: फर्जी रूप से प्लॉट की पावर अटॉर्नी बनाकर उसका विक्रय किए जाने के मामले में आगरा पुलिस ने एडीए कर्मचारी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इस पूरे मामले को लेकर एसपी सिटी विकास कुमार की ओर से प्रेस वार्ता आयोजित की गई और इस पूरे मामले का खुलासा किया गया। फर्जीवाड़े में शामिल सभी 5 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को अंजाम देकर जेल भेज दिया गया।
मामला सिकंदरा थाना क्षेत्र की शास्त्रीपुरम का है। एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि फरहान फिराज की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी कि शास्त्रीपुरम रखवा में प्लॉट नंबर 100 C1 लॉटरी में उसे मिला था लेकिन अब उस प्लॉट पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर फर्जी तरीके से उसकी पावर अटॉर्नी करके उसका अवैध तरीके से विक्रय कर दिया है। इस मामले में एडीए की ओर से भी आगरा पुलिस को शिकायत दर्ज कराई।
इस पूरे फर्जीवाड़े में प्रेम चंद पुत्र डोरीलाल निवासी शास्त्रीपुरम, सुनील गुप्ता पुत्र सुंदरलाल निवासी शास्त्रीपुरम, रूपवास उर्फ बबलू पुत्र रामलाल, रोहतांग सिंह पुत्र भगवान सिंह निवासी पश्चिम पुरी को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ एड़िए का कर्मचारी सत्यप्रकाश उर्फ सत्तो पुत्र रामसहाय जो कैलाश मोड़ सेवा कुंज निवासी है उसको भी गिरफ्तार किया गया है। इतना ही नहीं इस पूरे मामले में एक महिला का नाम भी सामने आया है।
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच एएसपी ने की थी और उनकी जांच रिपोर्ट में 5 लोग दोषी पाए गए। प्रेमचंद ने इस पूरे प्रकरण को अपने साथियों के साथ अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि पीड़ित महिला ने लगभग 10 साल पहले एडीए की लॉटरी से यह मकान लिया था लेकिन उसकी रजिस्ट्री नहीं कराई थी जिसका फायदा इन सभी लोगों ने लिया। इनका साथ एडीए कर्मचारी सत्यप्रकाश ने दिया। सभी ने मिलकर प्लॉट की तहसील जाकर पावर अटॉर्नी तैयार कराई और फिर उसे एक युवक को ₹14 लाख में बेच दिया। आज सभी के विरुद्ध कार्यवाही करने के बाद जेल भेजा जा रहा है।
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