Smoking की आदत कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक को न्योता देती है। यह शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाती है, जिसमें से एक उम्र को कम करना भी है। अब एक हालिया स्टडी में सामने आया है कि स्मोकिंग न सिर्फ उम्र कम करती है बल्कि व्यक्ति को 20 साल जल्दी बूढ़ा भी कर देती है। यानी स्मोकिंग करने वाले युवक की उम्र 20 साल है तो उसकी क्रानलॉजिकल ऐज किसी 40 साल के शख्स की तरह हो सकती है।
क्या है क्रानलॉजिकल और बायलॉजिकल ऐज
मानव शरीर की दो तरह की उम्र होती है, पहली तो क्रानलॉजिकल और दूसरी बायलॉजिकल। क्रानलॉजिकल ऐज वह है जो व्यक्ति के जन्म से गिनी जाती है, वहीं व्यक्ति किस उम्र का दिखता है, यह बायलॉजिकल ऐज में गिना जाता है।
स्टडी में क्या आया सामने
साइंटफिक रिपोर्ट में जारी हुई स्टडी के मुताबिक, स्मोकिंग के नुकसान को लेकर 149,000 अडल्ट्स का ब्लड टेस्ट किया गया। इससे यह सामने आया कि स्मोकिंग करने वाले युवाओं की क्रानलॉजिकल उम्र उनसे ऐज में डबल वाले नॉन स्मोकर्स लोगों के बराबर है। वहीं स्मोकिंग नहीं करने वालों की क्रानलॉजिकल ऐज उनके जन्म के समय के मुताबिक सटीक पाई गई।
स्टडी में 10 में से 7 ऐसे स्मोकर्स जिनकी उम्र 30 से कम थी उनकी क्रानलॉजिकल ऐज 31 से 40 या 41 से 50 के बीच पाई गई। वहीं 62 प्रतिशत नॉन स्मोकर्स की उम्र सटीक पाई गई। स्टडी में शामिल कुल लोगों में से 49,000 लोग स्मोकर्स थे और उनकी ऐवरेज ऐज 53 पाई गई, जो चिंता का विषय है।
स्टडी ऑथर पोलिना मौमोशिना ने कहा कि, ‘स्मोकिंग लोगों की हेल्थ को तबाह करने और उम्र से पहले निधन की बड़ी वजह है। यह कई तरह की बीमारियों को न्योता देता है।’ उन्होंने कहा कि, ‘स्टडी में नॉन स्मोकर्स के मुकाबले स्मोकिंग करने वालों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में तेजी देखी गई, यह प्रक्रिया महिला व पुरुषों में समान दिखी।’
स्टडी से पता चलता है कि स्मोकिंग की आदत से शरीर के इंटरनल वर्क को होने वाले नुकसान को लेकर अब तक जो अंदाजे लगाए जा रहे थे, सच्चाई उससे भी ज्यादा खतरनाक है। स्टडी से यह साफ है कि स्मोकिंग न सिर्फ बायलॉजिकल बल्कि क्रानलॉजिकल ऐज को भी प्रभावित करती है, जो खतरनाक है।
-एजेंसियां
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