आगरा: एसिड अटैक में 20 और 25 साल बाद पुलिस कमिश्नर ने दर्ज कराया मुकदमा, 16 वर्ष की आयु में सिरफिरे ने तेजाब से झुलसाए थे सपने

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एसिड अटैकर्स के खिलाफ दो दशक बाद खड़ी हुई पीड़िता तो शिकायत पर पुलिस कमिश्नर ने दर्ज कराया मुकदमा

एसिड अटैक पीड़िताओं को इंसाफ पाने की और दोषियों को सजा दिलाने के लिए एफआईआर दर्ज हो सके इसके लिए लगभग 25 साल की राह ताकनी पड़ी और लंबा इंतजार भी करना पड़ा लेकिन जब इंतजार खत्म हुआ तो उनकी आंखों से आंसू छलक गए। एसिड अटैक पीड़िताओं ने उनकी सुनवाई और एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस कमिश्नर प्रतिंदर सिंह का धन्यवाद किया और उनका दर्द जानकर उनकी मदद के लिए एडीजी राजीव कृष्ण और पुलिस कमिश्नर प्रतिंदर सिंह तक ले जाने वाले अनिल शर्मा का आभार जताया।

एक महिला पर 1997 और दूसरी पर 2002 में एसिड अटैक हुआ था। इस अटैक में दोनों बुरी तरह जल गई थीं। पारिवारिक कारणों के साथ दबंगो की धमकियों के चलते दोनों ही महिलाएं थाने में शिकायत दर्ज नहीं कर पाई थीं। अब एक सामाजिक संस्था ने उनकी हौशला अफजाई के साथ की मदद की तो दोनों पीड़िता मुकदमा दर्ज कराने के लिए तैयार हुई। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर दोनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ है।

16 वर्ष की आयु में झेला एसिड अटैक:-

एफआईआर दर्ज कराने वाली एक एसिड अटैक पीड़िता ने बताया कि उनके ऊपर वर्ष 1997 में एसिड अटैक किया गया था। उस समय उनकी उम्र करीब 16 वर्ष थी। पीड़िता ने बताया कि जून के महीने में एक दिन वह राजा मंडी बाजार से अपने घर ताजगंज की तरफ आ रही थी। इसी दौरान रास्ते में एक युवक ने उसके चेहरे पर एसिड फेंक दिया, जिससे उनका चेहरा बुरी तरह से जल गया। लेकिन वह भी पारिवारिक कारणों के चलते आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करा पाई। अब आगरा की सामाजिक संस्था सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा, एसिड अटैक पीड़ित और छांव फाउंडेशन की मदद से उन्होंने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की और शिकायत की। पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर थाना ताजगंज में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

बहन के देवर ने फेंका था तेजाब

जानकारी के अनुसार, आगरा के थाना एत्माद्दौला की महिला अपनी बहन की अलीगढ़ में स्थित ससुराल में गई थी। बहन के देवर आरिफ पुत्र हनीफ निवासी मसानी का नगला ने वर्ष 2002 में 7 सितंबर को उसके ऊपर तेजाब डाल दिया। इससे उसका चेहरा और शरीर बुरी तरह से जल गया। महिला ने बताया कि जब उसके ऊपर तेजाब डाला गया था तब वह मात्र 14 साल की थी। उसने अपने परिजनों से शिकायत करने के लिए कहा, लेकिन परिजनों ने शिकायत न करने का दबाव डाला। इसके बाद से अब तक उसने शिकायत नहीं की। लेकिन अब उसने एनजीओ की मदद से आगरा के पुलिस कमिश्नर से अपने बहन के देवर द्वारा किए गए एसिड अटैक की शिकायत की। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने थाना एत्माद्दौला पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।

कमिश्नर के आदेश पर दर्ज हुई FIR:-

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा और छाव फाउंडेशन लगातार ऐसी पीड़ितों की मदद के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहा था और उसी में से एक था कि संस्था के एक कार्यक्रम के दौरान एडीजी राजीव कृष्ण ताजगंज क्षेत्र में स्थित सिरोज हैंग आउट कैफे पहुंचे थे यहां पर सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा संस्था की मदद से पीड़ित महिलाओं ने एडीजी से शिकायत की थी। एडीजी ने उन्हें मदद का भरोसा दिलाया था। उनके निर्देश पर 7 जनवरी को पीड़ित महिलाएं पुलिस कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह से मिलीं।

पुलिस कमिश्नर के आदेश पर थाना एत्माद्दौला व थाना ताजगंज में दोनों महिलाओं का मुकदमा दर्ज किया गया। थाना प्रभारी एत्माद्दौला और थाना प्रभारी ताजगंज का कहना है कि एसिड अटैक की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामला कई साल पुराना है। विवेचना कर कार्रवाई की जाएगी।