13 डिसमिल जमीन विवाद: विश्व भारती विश्वविद्यालय का अमर्त्य सेन पर एक बड़ा एक्शन, अंतिम नोटिस जारी

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नोटिस में आदेश, बल का भी कर सकते हैं इस्तेमाल

विश्व भारती विश्वविद्यालय की नोटिस में कहा गया है कि अमर्त्य सेन और सभी संबंधित लोगों को उक्त परिसर से यदि आवश्यक हो, तो बल का इस्तेमाल करके बेदखल किया जाए। नोटिस के अनुसार यह निर्णय किया गया है कि अनुसूचित परिसर के उत्तर-पश्चिमी कोने में 50 फुट लंबी और 111 फुट चौड़ी 13 डेसीमल भूमि उनसे वापस ली जाए।

बाकी जमीन तुरंत छोड़ें: संयुक्त रजिस्ट्रार

संयुक्त रजिस्ट्रार आशीष महतो द्वारा जारी नोटिस के अनुसार इस प्रकार वह अनुसूचित परिसर में केवल 1.25 एकड़ भूमि (पट्टे की शेष अवधि के लिए) कानूनी रूप से कब्जा कर सकते हैं। उनके पास अनुसूचित परिसर में 1.38 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का अधिकार नहीं है।

अमर्त्य सेन ने इन आरोपों से किया इंकार

अमर्त्य सेन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि 1.25 एकड़ जमीन विश्व भारती द्वारा उनके पिता को एक निश्चित अवधि के लिए पट्टे पर दी गई थी जबकि विवादास्पद 13 डेसीमल जमीन उनके पिता की खरीदी गई जमीन का हिस्सा है और उनके पास यह साबित करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज हैं।

अमन-चैन बनाए रखने का निर्देश

सूत्रों के अनुसार अमर्त्य सेन के वकील द्वारा दायर एक याचिका के बाद कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया था। इसमें भूमि के विवादित हिस्से को लेकर अमर्त्य सेन के खिलाफ विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा संभावित बेदखली अभियान पर कानून और व्यवस्था के उल्लंघन की आशंका व्यक्त की गई थी। आदेश में कार्यपालक दंडाधिकारी ने शांति निकेतन थाना प्रभारी को तत्काल मामले के निस्तारण तक क्षेत्र में अमन-चैन बनाए रखने का निर्देश दिया।

विश्व भारती विश्वविद्यालय-अमर्त्य सेन के बीच विवाद, मुद्दा 13 डिसमिल जमीन

विश्व भारती विश्वविद्यालय के 13 डिसमिल जमीन को लेकर विवाद है। इसकी शुरुआत तब हुई जब विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने अमर्त्य सेन पर अवैध रूप से 1.38 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया। यह जमीन उनके 1.25 एकड़ के कानूनी अधिकार से अधिक है। हालांकि, नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य ने इस आरोप का खंडन किया।

Compiled: up18 News