हिंदी और क्षेत्रीय भाषा के सिनेमा को बढ़ावा देना है तो विदेशी फिल्मों का किया जाए बहिष्कार: कंगना रनौत

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मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत केवल अपनी फिल्मों के लिए ही नहीं बल्कि अपने बेबाक बयानों के लिए जानी जाती हैं। कंगना अक्सर अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय सोशल मीडिया पर रखती हैं। अब कंगना रनौत ने बॉलीवुड और रीजनल सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए लोगों से अलग ही तरह की अपील कर दी है।

कंगना ने कहा है कि अगर हिंदी और क्षेत्रीय भाषा के सिनेमा को बढ़ावा देना है तो विदेशी फिल्मों का बहिष्कार किया जाए।

फिल्म ‘थलाइवी’ की रिलीज के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंगना ने कहा है कि अमेरिकन और इंग्लिश मूवीज के भारत में आने से यहां कि फिल्मों को कम स्क्रीन मिलते हैं। कंगना ने कहा, ‘हमें एक राष्ट्र की तरह व्यवहार करना चाहिए। हमें खुद को आपस में नॉर्थ इंडिया और साउथ इंडिया के नाम पर बांटना नहीं चाहिए। हमें पहले अपनी फिल्मों को इंजॉय करना चाहिए फिर चाहे वे मलयालम, तमिल, तेलुगू, पंजाबी या किसी भी क्षेत्रीय भाषा की क्यों न हों।’

कंगना ने यह भी कहा कि हॉलीवुड ने पहले ही फ्रेंच, इटैलियन, जर्मन और दूसरी फिल्म इंडस्ट्रीज को बर्बाद कर दिया है। कंगना ने कहा, ‘हम लोग भी यहां ऐसा ही कर रहे हैं। हम लोग एक-दूसरे की तारीफ नहीं करते हैं। हम लॉयन किंग या जंगल बुक के डब्ड वर्जन तो देखते हैं लेकिन इसके बजाय अपनी मलियालम फिल्म का डब्ड वर्जन नहीं मिलता है। इससे हमारा फायदा नहीं होगा। हमें यह अपने लोगों और अपनी इंडस्ट्री को प्रायोरिटी देनी चाहिए। इसी तरह से हम एक आत्मनिर्भर भारत बना सकते हैं।’

बता दें कि इसी दौरान कंगना से पॉलिटिक्स में आने के बारे में भी सवाल किया गया। इस पर कंगना ने कहा, ‘मैं एक राष्ट्रवादी हूं और देश के लिए बोलती हूं और मैं ऐसा इसलिए करती हूं क्योंकि मैं कोई पॉलिटिशन नहीं बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक हूं। जहां तक पॉलिटिक्स में आने की बात है तो इसके लिए मुझे लोगों के सपोर्ट की जरूरत होगी। अभी मैं एक एक्ट्रेस के तौर पर खुश हूं लेकिन अगर कल अगर लोगों ने चाहा तो मैं जरूर पॉलिटिक्स में आऊंगी।’

-एजेंसियां