स्मार्टफोन यूजर्स के लिए एक नया खतरा बने एंटी-वायरस ऐप्स

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स्मार्टफोन यूजर्स के लिए एक नया खतरा सामने आया है। ये खतरा इसलिए गंभीर है क्योंकि यह काफी पॉप्युलर एंटी-वायरस ऐप्स से जुड़ा है।

ज्यादातर यूजर अपने स्मार्टफोन को मैलवेयर या वायरस से बचाने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। यही एंटी-वायरस ऐप्स अब यूजर्स के दुश्मन बन गए हैं। इन इंफेक्टेड एंटी-वायरस ऐप्स का पता प्राइवेसी और सिक्योरिटी रिसर्च फर्म VPNPro ने लगाया है। यह मामला इसलिए भी काफी गंभीर माना जा रहा है कि क्योंकि इन एंटी-वायरस ऐप्स को करीब 190 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है। यानी, करोड़ों डिवाइस पर खतरा है।

गूगल प्ले स्टोर पर हैं मौजूद

सिक्योरिटी फर्म ने बताया कि गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे 10 एंटी-वायरस मौजूद हैं जो स्मार्टफोन यूजर्स को चकमा देकर खतरनाक एक्सेस परमीशन लेकर मैलवेयर और स्पाइवेयर को डिवाइस में एंटर करा देते हैं। इसके बाद ये एंटी-वायरस बड़ी चालाकी से यूजर द्वारा स्मार्टफोन या टैबलेट पर की जाने वाली सभी गतिविधियों पर नजर रखते हैं।

डिवाइस से डिलीट होने के लिए मांगते हैं पैसे

फर्म ने बताया कि ये सभी एंटी-वायरस यूजर से मिले परमीशन के आधार पर निजी डेटा को कलेक्ट करते और बेचते हैं। इसके साथ ही ये मैलवेयर फैलाने का भी काम करते हैं। इनमें से कुछ ऐप ऐसे हैं जो डिवाइस से डिलीट होने के लिए यूजर्स से पैसे की मांग करते हैं।

पहले भी पाए गए हैं ऐसे 5 ऐप

कुछ दिन पहले ऐसे ही 5 और ऐप्स का पता चला था। ये सब वीपीएन प्रो की पिछली रिपोर्ट में भी शामिल थे। ये पांच ऐप्स भी इस बार पाए गए 10 ऐप्स की तरह ही यूजर और डिवाइस को अपना निशाना बनाते थे। हालांकि, गूगल ने हाल ही में इन 5 ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है। सिक्योरिटी फर्म के बताया है कि इन ऐप्स को 50 करोड़ बार डाउनलोड किया गया था।

कई पॉप्युलर एंटी-वायरस ऐप भी हैं शामिल

इन खतरनाक एंटी-वायरस में क्लीन मास्टर जैसे पॉप्युलर एंटी-वायरस ऐप के साथ और भी कई जानें-मानें एंटी-वायरस सलूशन देने वाले ऐप्स शामिल हैं। यहां दिए गए फोटो में आप इन खतरनाक एंटी-वायरस के नाम देख सकते हैं। इनमें से अगर आपके डिवाइस में कोई भी एंटी-वायरस ऐप मौजूद हो तो उसे तुरंत डिलीट कर दें।

ऑडियो और लोकेशन डेटा को करते हैं रिकॉर्ड

न एंटी-वायरस के खतरों में बात करते हुए रिसर्च फर्म ने बताया कि ये स्मार्टफोन में घुसकर ऑडियो रिकॉर्ड कर फोन कॉल करने के साथ ही लोकेशन डेटा पर भी नजर रखते हैं। इन डेटा को ये एंटी-वायरस ऐप्स अपने डिवेलपर्स तक भेजते हैं। ये डिवेलपर्स यूजर्स के डेटा को बेचकर मोटी रकम कमाते हैं।

एक दिन में 14000 बार तक भेजते हैं डेटा

आपको जानकार हैरानी होगी कि मोबाइल ऐप्स हर दो सेकंड में यूजर्स के लोकेशन डेटा को भेजा करते हैं। इतना ही नहीं, कुछ मामलों में ये ऐप्स अलग-अलग कंपनियों को दिनभर में 14 हजार बार डेटा भेजते हैं। एक अनुमान के मुताबिक पहले हैक हुए 50 करोड़ यूजर्स में एक केवल एक 1 प्रतिशत डेटा बिकने पर भी इन ऐप्स के डिवेलपर्स को 20 हजार डॉलर की कमाई होती है।

-एजेंसियां