आपने गुड़ कब से नहीं खाया है, सर्दी में गुड़ खूब खाएं, इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढती है।
कोरोना और वायु प्रदूषण दोनों ही फेफड़ों पर हमला करते हैं, ऐसे में आपको अपने खान-पान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. आप अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजें शामिल कर सकते हैं जो शरीर को प्रदूषण के बुरे असर से बचा सकती हैं.
सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के डॉ. अजीत सिंह चाहर बताते हैं कि वायु प्रदूषण से श्वांस संबधी एलर्जी हो सकती है, एेसे में बचाव करना बेहद जरूरी है. वायु प्रदूषण से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी और फायदेमंद गुड़ है. अपनी डाइट में गुड़ को शामिल करके आप प्रदूषण या स्मॉग से होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं, क्योंकि गुड़ में एंटी एलर्जिक गुण शामिल होते हैं, जिस वजह से ये अस्थमा रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है।
गुड़ में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। आयरन खून में हीमोग्लोबिन का लेवल सामान्य करता है। जिस वजह से खून में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है। यह बात कई स्टडीज में भी साबित हो चुकी है कि हर दिन गुड़ खाने से हवा में फैले प्रदूषण का सेहत पर ज्यादा असर नहीं होता है। इसलिए शायद हमारे बुजुर्ग हमेशा खाने के बाद गुड़ जरूर खाते हैं और साथ ही सबको गुड़ खाने की सलाह भी देते हैं। गुड़ खाने से शरीर को एनर्जी तो मिलती ही है, साथ ही यह खांसी-जुकाम जैसी परेशानियों को भी दूर करता है।
प्रदूषण से बचाव के लिए ऐसी रखें डाइट-
-खाना खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ जरूर खाएं गुड़ खून साफ करता है. इससे आप प्रदूषण से बचे रहेंगे.
-फेफड़ों को धूल के कणों से बचाने के लिए आप रोजाना एक गिलास गर्म दूध जरूर पियें.
- अदरक का रस और सरसों का तेल नाक में बूंद-बूंद कर डालने से भी आप हानिकारक धूल कणों से भी बचे रहेंगे.
- खुद को प्रदूषण के प्रभाव से बचाने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें.
वायु प्रदूषण से बचाव के ये हैं कुछ आयुर्वेदिक उपाय
-शहद में काली मिर्च मिलाकर खाएं, आपके फेफड़े में जमी कफ और गंदगी बाहर निकल जाएगी.
-अजवायन की पत्तियों का पानी पीने से भी व्यक्ति का खून साफ होने के साथ शरीर के भीतर मौजूद दूषित तत्व बाहर निकल जाते हैं.
-तुलसी प्रदुषण से आपकी रक्षा करती है, इसलिए रोजाना तुलसी के पत्तों का पानी पीने से आप स्वस्थ बने रहेंगे.
-ठंडे पानी की जगह गर्म पानी का सेवन करना शुरू कर दें.
धूप निकलने पर ही टहलने जाएं
सुबह के समय सर्दी के कारण प्रदूषक तत्व और अति सूक्ष्म कण निचली सतह पर आ जाते हैं. ये सांस लेने पर फेफड़ों तक पहुंचते हैं और इससे सांस उखड़ने लगती है. इसलिए सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित पेशेंट्स सुबह और रात को टहलने ना जाएं. धूप निकलने पर ही टहलने जाएं.
ये करें
मास्क पहनकर बाहर निकलें
आंखों पर चश्मा लगाएं
घर के अंदर धुआं ना करें, सुबह और रात को टहलने ना जाएं
इन्हेलर और अस्थमा की दवाएं लेते रहें
पानी का लगातार सेवन कर
प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के लक्षण
-ज़ुकाम होना
-सांस लेने में तकलीफ
-आंखों में जलन
-खांसी, टीबी और गले में में इन्फेक्शन
-साइनस, अस्थमा
-फेफड़ों से सम्बंधित बीमारियां