झारखंड के देवघर में स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। करीब 148 दिन बाद शनिवार को मंदिर का पट खुलने के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए उमड़ पड़े। कोरोना काल में कई महीने से मंदिर बंद था, जिसके चलते मंदिर की अर्थव्यवस्था पर निर्भर बड़ी आबादी की मुश्किलें बढ़ी हुई थीं। हालांकि, अब मंदिर खुलने के बाद उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है।
सुबह 6 से शाम 4 बजे तक दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
बाबा बैद्यनाथ मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं सुबह 6 बजे से शाम चार बजे तक के लिए खुलेंगे। मंदिर में प्रवेश के लिए श्रद्धालु वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन इंट्री पास प्राप्त कर सकते हैं। इस ई-पास को प्राप्त करने के बाद ही वो बाबा मंदिर में प्रवेश कर पूजा-अर्चना कर सकते हैं। 18 साल से कम उम्र के किसी भी भक्त को बाबा मंदिर में एंट्री नहीं मिलेगी।
ई-पास जरूरी, इन गाइडलाइंस का भी रखना होगा ध्यान
झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार बाबा बैद्यनाथ मंदिर में प्रति घंटे 100 श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति होगी। रोजाना सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक हर दिन 10 घंटे पट खुला रहेगा। इसमें प्रति घंटे 100-100 श्रद्धालुओं को जलार्पण और दर्शन की अनुमति होगी।
जानकारी के अनुसार कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह ध्यान में रखते हुए यह निर्देश जारी किया गया है। साथ ही अभी फिलहाल प्रतिदिन 1000 श्रद्धालु ही बाबा मंदिर में पूजा कर पाएंगे।
18 वर्ष से कम उम्र के किसी भक्त को मंदिर में प्रवेश नहीं
बाबा बैद्यनाथ मंदिर में प्रवेश के लिए ई-पास श्रद्धालुओं के पास होना जरूरी है। इसके लिए आधार कार्ड अनिवार्य होगा। सरकार की ओर से कोविड संक्रमण की संभावित तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए फिलहाल वर्तमान स्थिति में 18 वर्ष से नीचे के किसी भी भक्त को बाबा मंदिर में प्रवेश करने से मना किया गया है।
इसके अलावा ई-पास सिस्टम में कोविड वैक्सीन का कम से कम एक डोज लिए व्यक्ति को ही पास दिया जाए। इस व्यवस्था को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कोरोना गाइडलाइंस का पालन कराने के लिए बाबा मंदिर और आसपास के इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कराया जाएगा। इसके लिए मंदिर और इसके बाहर पुलिस की प्रतिनियुक्ति की जा रही है।
पंडा समाज और स्थानीय दुकानदारों में खुशी
करीब डेढ़ सौ दिन बाद बाबा मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खुलने से मंदिर के पुजारियों और स्थानीय दुकानदारों में खुशी का माहौल है। मंदिर बंद रहने के कारण आर्थिक संकट से गुजर रहे पंडा समाज और दुकानदारों की आर्थिक कठिनाइयां अब दूर होने की उम्मीद है। पंडा समाज के हजारों परिवार और दुकानदार बाबा मंदिर से चलने वाली अर्थव्यवस्था पर ही पूरी तरह से निर्भर है और महीनों से मंदिर बंद रहने के कारण उनकी आजीविका पर भी काफी असर पड़ा था।
-एजेंसियां
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