विश्व के 33 ऐसे देश जहां मतदान अनिवार्य है, वोट न देने पर सजा का भी है प्रावधान

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लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत जितने अधिकार नागरिकों को मिलते हैं, उनमें सबसे बड़ा अधिकार है वोट देने का अधिकार। इसी अधिकार को पाकर हम मतदाता कहलाते हैं लेकिन विडंबना है कि सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश और इस चुनावी महापर्व में ही हम मतदान करने से कतराते हैं। मतदान के दिन को अवकाश का दिन मान लिया जाता है। हालांकि विश्व में 33 ऐसे देश हैं, जहां मतदान अनिवार्य किया गया है।

अनिवार्य मतदान का अर्थ है कि कानून के अनुसार किसी चुनाव में मतदाता को अपना मत देना या मतदान केंद्र पर उपस्थित होना। इनमें बेल्जियम, स्विटजरलैंड, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, अर्जेंटीना, आस्ट्रिया, साइप्रस, पेरू, ग्रीस और बोलीविया प्रमुख हैं। सिंगापुर में अगर वोट नहीं करते हैं तो मतदान के अधिकार तक छीन लिए जाते हैं। ब्राजील में मतदान नहीं करने पर पासपोर्ट जब्त कर लिया जाता है। बोलिविया में मतदान नहीं करने पर तीन माह की तनख्वाह वापस ले ली जाती है। बेल्जियम में तो 1893 से ही वोटिंग नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान है।

19 देशों में मतदान करने पर सजा : ऐसे कई देश ऐसे हैं, जहां मतदान न करने पर सजा का प्रावधान है। इनमें ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, बेल्जियम, ब्राजील, चिली, साइप्रस, कांगो, इक्वाडोर, फिजी, पेरू, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, तुर्की, उरुग्वे जैसे देश शामिल हैं। ‘अनिवार्य मतदान’ नियम लागू वाले 33 में से 19 देशों में इस नियम को तोडऩे पर सजा भी दी जाती है। आस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, सिंगापुर, तुर्की, बेल्जियम आदि 19 देशों में चुनावी प्रक्रिया लगभग हमारे देश जैसी है।

सिर्फ आस्ट्रेलिया में ऑनलाइन मतदान

ऑस्ट्रेलिया में मतदान वाले दिन ही जिस राज्य के निवासी हैं, वहां से ऑनलाइन मतदान कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील में मतदान नहीं करने पर अनुपस्थित रहने का प्रमाण सहित कारण बताना होता है।

ब्रिटेन में मतदान के समय अनुपस्थित रहने के बारे में पहले ही जानकारी देनी होती है, इसके बाद ही अन्य स्थान से मतदान किया जा सकता है।

अमेरिका में मतदान की तारीख से पहले और बाद में भी वोट दे सकते हैं, इसके लिए अनुमति लेनी होती है।

जर्मनी में मतदान वाले दिन के बाद मतदान करने के लिए वोटर कार्ड के साथ नगर निगम में आवेदन करना होता है।

न्यूजीलैंड में मतदान स्थल पर उपस्थित नहीं होने पर चुनाव आयोग की टीम लोगों के घर तक जाती है और डाक की तरह मतदान प्राप्त करती है।

अर्जेंटीना में पुलिस के पास इस बात का प्रमाणपत्र जमा कराना होता है कि मतदान के दिन आप कहां थे।

पेरू और यूनान में मतदान नहीं करने वाले को कुछ दिन के लिए सार्वजनिक सेवाओं से वंचित कर दिया जाता है।

भारत समेत फिलीपींस, थाइलैंड, वेनेजुएला, लक्जमबर्ग आदि ऐसे देश हैं, जहां मतदान केवल नागरिक कर्तव्य है, किसी प्रकार की बाध्यता नहीं है।

भारत में आजादी से पहले आम आदमी को नहीं था मतदान का अधिकार: आजादी से पहले भारत देश में आम आदमी को मतदान का अधिकार प्राप्त नहीं था। उस वक्त मताधिकार प्राप्त करना एक बड़े गौरव की बात होती थी। उस समय कुछ चुनिंदा लोग जैसे अंग्रेजी हुकूमत के धनकुबेर और जयकार करने वाले लोग होते थे, उन्हीं को मताधिकार प्राप्त था।

इतिहासकारों की मानें तो 1935 के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट के अनुसार महज 13 प्रतिशत जनता को ही मताधिकार प्राप्त था। अभी भी कुछ देश ऐसे हैं, जहां मताधिकार में रंग एवं जातिगत भेद है।

हमारे देश में मतदान भले ही अनिवार्य नहीं हो, लेकिन दूसरे देशों से सीख लेने की जरूरत है। इसे सिर्फ एक काम न मानकर देश के बेहतर भविष्य निर्माण के भागीदार बनें। जब विदेशों में मतदान करने के लिए सभी अपने घर से बाहर निकलते हैं तो हम और आप क्यों नहीं।

-एजेंसियां