परिभाषाएँ धीरे-धीरे बदल रही हैं… संकुचित सोच अब विस्तृत आसमान ढूँढ रही है… खुद को पीछे रखकर अपनी साथी को आगे ब़ढ़ाने का उत्साह अब केवल महिलाओं तक ही सीमित नहीं। पुरुष भी साथ, सहयोग और समर्पण से महिलाओं के विकास में नई भागीदारी तय कर रहे हैं।
गायक और संगीतकार राजन शाह के नए गीत “स्लेव” को सुनकर आपको भी ऐसा ही महसूस होगा।आज का पुरुष जिसे चाहता है, उसके लिए कुछ भी कर सकता है।
जीवनसंगिनी को आगे बढ़ाने के लिए उसके हर काम कर सकता है। आप उसे गुलाम कहें या मददगार। ये रिश्तों की एक नई परिभाषा है, जो इन दिनों युवाओं में नज़र आ रही है। “स्लेव” को हम एनर्जी पैदा करने वाला सॉन्ग भी कह सकते हैं जिसे लिखा, गाया और संगीत से सजाया है राजन शाह ने। वाशिंगटन में रहने वाले राजन शाह ने विदेशी धरती पर भी देसी संगीत की निर्मल धारा बहाते हुए दर्जनों म्यूज़िक सिंगल्स के साथ अपनी एक खास पहचान बनाई है।
-अनिल बेदाग़-
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